भारतीय विचारधारा से दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान सम्भव - प्रोफेसर जी सी त्रिपाठी

It is possible to solve all the problems of the world through Indian ideology - Professor GC TripathiIt is possible to solve all the problems of the world through Indian ideology - Professor GC Tripathi

- नारायण ज्ञान धाम के वार्षिकोत्सव पर हुई संगोष्ठी

सुल्तानपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। '' भारत केवल भूखंड नहीं दर्शन दृष्टि और विचार है । हम पूरी पृथ्वी को अपना परिवार मानते हैं। सभी के सुखी होने की कल्पना करते हैं। भारत वर्ष शास्त्रार्थ और संवाद की भूमि रही है। भारतीय विचारधारा से दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान सम्भव है। '' यह बातें बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने रविवार को कहीं। वह नारायण ज्ञान धाम बीबीपुर तिवारी के वार्षिकोत्सव पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संत तुलसीदास पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.इन्दुशेखर उपाध्याय ने बताया कि भारतीय संस्कृति महिलाओं के कारण ही विश्व में वंदनीय है। गूगल कभी पुस्तकालय की जगह नहीं ले सकता ।

विशिष्ट वक्ता राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने स्यादवाद के बारे में बताते हुए कहा कि महावीर स्वामी का स्यादवाद सिद्धांत आज अत्यन्त प्रासंगिक है। दुनिया के तमाम विवाद इससे हल हो सकते हैं। यह सिद्धांत स्पष्ट करता है कि जब हम मान लेते हैं कि हम न तो पूरी तरह से सही हैं और न ही दूसरे पूरी तरह से गलत तो हम अन्य विचारों को भी स्वीकार करने लगते हैं। जिससे दो विरोधी समूहों के बीच सार्थक संवाद की गुंजाइश बन जाती है।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रबंध संकाय के मानव संसाधन विभागाध्यक्ष अविनाश पार्थडीकर ने कहा कि अवसर और तैयारी को मिला कर भाग्य बनता है। सफलता पाने के लिए विद्यार्थियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

संगोष्ठी को पूर्व प्रवक्ता उदयभान सिंह, रामलाल गुप्त, डॉ.ए.के.सिंह ,रामपाल मिश्र, एडवोकेट आशाराम , प्रियव्रत मिश्र व राजवल्लभ श्रीवास्तवआदि ने भी संगोष्ठी किया। सरस्वती वंदना कृति तिवारी और संचालन हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने किया।

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक व समारोह के आयोजक बी.पी.त्रिपाठी ने स्वागत व आभार ज्ञापन किया। समारोह के अंत में नारायण ज्ञान धाम द्वारा कराई गई सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ दयाशंकर

/बृजनंदन

   

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