मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति पर धार्मिक भेदभाव व तुष्टीकरण का एबीवीपी ने लगाया आरोप

सहरसा/मधेपुरा,15 अप्रैल (हि.स.)।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला इकाई द्वारा वर्तमान मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बालेंदु शेखर झा पर धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश विधि विद्यार्थी कार्य संयोजक ने कहा है कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता एवं समरसता का प्रतीक के रूप में पूरे बिहार में जाना जाता रहा है।

मंडल विश्वविद्यालय में कभी भी धार्मिक स्तर पर किसी के साथ आज तक भेदभाव किसी कुलपति या किसी अधिकारी ने नहीं किया है लेकिन जैसे ही श्री झा की नियुक्ति हुई।इन्होंने विश्वविद्यालय में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी लोगों के प्रभाव में आकर अभी गत दिनों इफ्तार पार्टी का आयोजन विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में अपने देखरेख में करवाया। जबकि यह विश्वविद्यालय के परंपरा के अनुरूप नहीं है।अगर इस प्रकार से इफ्तार की पार्टी अतिथि गृह में हो सकती है तो कल को कई सारे हिंदू पर्व एवं सिखों के पर्व साथ ही साथ ईसाइयों के पर्व को भी अतिथि गृह में मनाए जाने पर किसी प्रकार का कोई संकोच नहीं होना चाहिए।

विश्वविद्यालय परिवार में सभी धर्म के लोग आपस में आपसी सौहार्दपूर्ण मिल जुल कर रहते हैं। इतना ही नहीं जब कुछ छात्र संगठनों के द्वारा होली मिलन समारोह की बात कही गई तो उन्होंने होली मिलन समारोह आयोजन में शामिल होने से मना कर दिया। जिस कारण भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय कई सारे छात्र-छात्राओं, कर्मचारी, शिक्षकों में भी काफी नाराजगी है। मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में आज तक इस प्रकार से अतिथि गृह में किसी कुलपति ने कभी भी इफ्तार पार्टी नही मनाई थी।

प्रांत सह मंत्री मनीष चौपाल ने कहा कि वर्तमान कुलपति अतिथि गृह में बिना प्रक्रिया को पूर्ण किए हुए ही इस प्रकार के आयोजन को किया है ।जब सोशल मीडिया पर इफ्तार पार्टी के आयोजन को लेकर विश्व विद्यालय प्रशासन की किरकिरी हुई तो आयोजन समाप्ति के बाद अतिथि गृह का शुल्क आनन फानन में जमा किया है ।जबकि कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व ही राशि जमा करने का नियम है।उक्त प्रकरण को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद वर्तमान कुलपति के क्रियाकलापों को लेकर राजभवन को पत्र लिखेगी।साथ ही साथ महामहिम से आग्रह करेगी कि इस प्रकार के कुलपति जो धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाले, एक ही व्यक्ति को कई पदों पर बिठाने वाले तथा एक राजनीतिक दल के लोगों को विश्वविद्यालय के कई समितियों में तुष्टीकरण के लिए देकर एक खास राजनीतिक दल के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं उनपर कारवाई की जाय।वर्तमान कुलपति जब से विश्वविद्यालय का पदभार ग्रहण किया है तब से इन्होंने एक दल विशेष के लोगों को विश्वविद्यालय के सभी पदों पर सभी समितियां के सदस्य के रूप में बिठाने का काम शुरू कर दिया है।

राष्ट्रवादी विचारों से संबंधित लोगों पर झूठे आरोप लगवा कर उन्हें पद से हटाने के लिए वर्तमान कुलपति आतुर रहते हैं। अभी हाल ही में बिना जांच किए हुए केवल एक आरोप लगाने मात्र पर एक विश्वविद्यालय के अधिकारी का उनके पद से त्यागपत्र ले लिया गया।वही जिला सह संयोजक कृष्ण कांत गुप्ता ने कहा है कि वर्तमान कुलपति के कृत्यों से राजभवन को अवगत कराने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मधेपुरा,सहरसा, सुपौल तीनों जिला से जिला पदाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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