ई-गर्वनेंस प्लेटफार्म समर्थ ईआरपी का सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ करार

वाराणसी, 20 अप्रैल (हि.स.)। ई-गर्वनेंस प्लेटफार्म समर्थ ईआरपी का सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ करार (एमओयू) हुआ है। कुलाधिपति और प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा,कुलसचिव राकेश कुमार ने करार किया।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ई- गवर्नेंस प्लेटफार्म समर्थ ईआरपी पर आयोजित दो दिवसीय वर्कशाप में राज्यपाल ने कहा कि समर्थ ईआरपी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक ओपन-सोर्स है। ओपन-स्टैंडर्ड सक्षम मजबूत, सुरक्षित, स्केलेबल और विकासवादी प्रक्रिया स्वचालन इंजन है। यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन के तहत इसका प्रारम्भ एक पहल है।

राज्यपाल ने कहा कि इसका उद्देश्य सूचनाओं के निर्बाध उपयोग द्वारा संस्थानों में बेहतर प्रबंधन के माध्यम से उनकी उत्पादकता बढ़ाना है, य़ह प्लेटफार्म शिक्षा संस्थानों में अध्यापकों, विद्यार्थियों तथा कर्मचारियों की आवश्कता आपूर्ति में सहायक होगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि समर्थ ईआरपी से विश्वविद्यालय के साथ एक करार किया गया है। इससे विश्वविद्यालय को अनेकों लाभ प्राप्त होंगे। समर्थ ईआरपी के कई लाभ हैं। इससे समय की बचत होगी।

उन्होंने बताया कि इससे आर्थिक बचत होगी। उस धन का उपयोग संस्था के अन्य विकास कार्यो में किया जाएगा। यह पेपरलेस कार्य होगा, इससे पर्यावरण शुद्ध वातावरण का निर्माण होगा। बेहतर सूचना प्रबंधन के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने की प्रक्रियाओं का स्वचालन होगा। प्रशासनिक प्रक्रियाओं को परिभाषित और नियंत्रित करने के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना, छात्रों, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की निर्बाध डिलीवरी,संचालन, प्रबंधन और सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं और कुशल प्रक्रियाओं को विकसित, निर्बाध तरीके से प्रौद्योगिकी और शिक्षा वितरण का एकीकरण इसके लाभ है। य़ह राष्ट्रीय शिक्षा मिशन का हिस्सा है। कुलसचिव राकेश कुमार ने बताया कि शुचिता के साथ राष्ट्रीय शिक्षा मिशन का एक हिस्सा है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

   

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