टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री विरोध चौथे दिन भी जारी, इंटरनेट बंद
- Admin Admin
- Dec 12, 2025
हनुमानगढ़, 12 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी (राठीखेड़ा) इलाके में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है। क्षेत्र में शुक्रवार को भी इंटरनेट सेवाएं बंद है, वहीं उपद्रव के मामले में पुलिस अब तक 107 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है। इनमें से 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
शुक्रवार दोपहर टिब्बी गुरुद्वारा सिंह सभा में कोर कमेटी की बैठक प्रस्तावित है। किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब तक हनुमानगढ़ के कलेक्टर और एसपी का तबादला नहीं किया जाता, तब तक प्रशासन से किसी भी प्रकार की वार्ता नहीं होगी। कई महिलाओं ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाते हुए गुरुद्वारा में गोलियों के खोल भी दिखाए। तनाव के चलते कई परिवार अपने घरों पर ताले लगाकर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, जबकि कुछ लोग गुरुद्वारे में शरण लिए हुए हैं।
गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच दो दौर की वार्ता विफल रही। बातचीत के लिए पहुंचे एडीजी वीके सिंह ने कहा कि 10 दिसंबर को सबकुछ शांत था, लेकिन बाहरी लोगों ने स्थिति को हिंसक बना दिया। उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की और कई लोग वीडियो में पत्थरबाजी करते हुए स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। एडीजी ने कहा कि हिंसा में 36 से अधिक पुलिसकर्मी और बॉर्डर होमगार्ड घायल हुए हैं, जिनमें पांच को गंभीर चोटें आई हैं। उधर अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने प्रशासन पर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो सैकड़ों लोग मारे जाते। उन्होंने घोषणा की कि 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे।
गुरुवार को टिब्बी गुरुद्वारा सिंह सभा में बड़ी किसान सभा हुई, जिसमें महिलाओं ने भी भाग लिया। इससे पहले कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सभा स्थल तक पहुंचने से रोक दिया था। कांग्रेस विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को भी हिरासत में लिया गया।
मंत्री जोगाराम पटेल और मंत्री सुमित गोदारा ने हिंसा को प्रायोजित बताते हुए कहा कि यह किसानों का स्वाभाविक आंदोलन नहीं था, बल्कि बाहर से आए करीब एक हजार लोगों ने स्थिति को उग्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि ड्यून एथेनॉल प्लांट पूर्व सरकार के एमओयू के आधार पर आवंटित हुआ था। उन्होंने किसान समस्याओं को गंभीर बताते हुए भी हिंसा को अस्वीकार्य बताया और कहा कि ऐसे माहौल में कोई निवेशक प्रदेश में आने को तैयार नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़कर परिसर में प्रवेश किया था और कार्यालय में आग लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस और किसानों के बीच भीषण पत्थरबाजी हुई। इस घटना में कांग्रेस विधायक सहित 70 से अधिक लोग घायल हुए थे। आज भी टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद है, और फैक्ट्री के आसपास के लगभग 30 परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं।
एडीजी वीके सिंह ने कहा कि फैक्ट्री से 700-800 लोगों को रोजगार और 1,000 से अधिक लोगों को लाभ मिलना है। उन्होंने ग्रामीणों से अफवाहों और उकसावे में न आने की अपील की और कहा कि कानून तोड़ने वालों की पहचान वीडियो फुटेज से की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर



