एसआईआर काे लेकर ममता बनर्जी ने फिर केंद्र पर बाेला हमला
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- Dec 04, 2025
कोलकाता, 4 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बीच ममता बनर्जी ने एसआईआर से जुड़े मुद्दे पर केंद्र सरकार को फिर घेरा। उन्होंने लोगों से कहा कि वे डरें नहीं और सभी आवश्यक कागज जमा करें। उन्होंने दोहराया कि बंगाल में न डिटेंशन कैंप बनेगा और न एनआरसी लागू होने दिया जाएगा। वह गुरुवार को मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं। उन्होंने साफ कहा कि मुर्शिदाबाद के लोग हिंसा और उकसावे की राजनीति पसंद नहीं करते।
भाषण की शुरुआत में ही ममता बनर्जी ने कहा कि इस जिले के लोग हिंसा से हमेशा दूरी रखते आए हैं। उन्होंने बताया कि धुलियन में एक घटना के बाद वह खुद पहुंची थीं और जंगीपुर में संभावित तनाव को भी उन्होंने फोन कर शांत कराया था। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों के बीच मेलजोल सिखाता है और यही बंगाल की पहचान है।
ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों मस्जिद, कब्रिस्तान आदि को गलत तरीके से दर्ज कर रही है। उन्होंने इसे पूरी तरह झूठ बताया।
उन्होंने कहा, कुछ गद्दार और कुकर्मी हर धर्म में होते हैं, जो झूठ फैलाकर समाज में तनाव पैदा करते हैं। कई लोग झूठ फैलाने के लिए पैसे लेते हैं और अब एआई का सहारा लेकर फर्जी प्रचार फैलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि, पिछले ही साल मुर्शिदाबाद के विभिन्न इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थी जिसके परिणामस्वरूप वहां के हजारों लोग आसपास के जिलों में शरण लेने को मजबूर हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी ताप विद्युत केंद्र में 660 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल पावर यूनिट तैयार हो चुका है। यह यूनिट आगामी 10 दिसंबर से बिजली देना शुरू कर देगी। इस परियोजना पर 4567 करोड़ का खर्च हुआ है और इससे 16.70 लाख परिवारों को नई बिजली मिलेगी। साथ ही 26 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलेगा।
ममता बनर्जी ने कहा कि मुर्शिदाबाद और मालदा में नदी कटाव बड़ी समस्या है और अब तक 12,116 बीघा भूमि नदी में समा चुकी है। उन्होंने कहा कि गंगा कटाव रोकने की जिम्मेदारी केंद्र के पास थी, लेकिन फरक्का क्षेत्र में ड्रेजिंग नहीं हुई और न ही राज्य को वादा किए गए 700 करोड़ मिले। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर 136 करोड़ खर्च कर 17 योजनाएं लागू की हैं।
ममता बनर्जी ने एसआईआर से जुड़े मुद्दे पर केंद्र सरकार को फिर घेरा। उन्होंने लोगों से कहा कि वे डरें नहीं और सभी आवश्यक कागज जमा करें। उन्होंने दोहराया कि बंगाल में न डिटेंशन कैंप बनेगा और न एनआरसी लागू होने दिया जाएगा। दावा किया कि अगर राज्य ने एसआईआर रोक दिया होता तो केंद्र राष्ट्रपति शासन लागू कर देता। ------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



