खान पान के लिए प्रसिद्ध हरियाणा में 61 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित, सर्वे में खुलासा

एनएफएचएस के पांचवे सर्वे में हुआ खुलासा, एनीमिया के मामले में हरियाणा 11 स्थान पर

सात दिवसीय एनएसएस कैंप में शोध पर हुआ चर्चा, डॉ बोले, महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार एक महत्वपूर्ण चुनौती

रोहतक, 6 मार्च (हि.स.)। नेशनल परिवार हेल्थ सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आएं है। सर्वेे रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 61 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है। खान-पास से प्रसिद्व प्रदेश में महिलाओं रिपोर्ट ने डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ा दी है। यही नहीं एनीमिया में प्रदेश 11 वें स्थान पर है। हाल में हुए शोध में यह बात सामने आई तो डॉक्टरों ने इस पर विस्तार से चर्चा की। डॉक्टरों का मानना है कि सरकार को भी महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए जरुरी कदम उठाना चाहिए और महिलाओं को भी इसके लिए जागरुकता की जरुरत है।

गुरुवार को गौड़ ब्राह्मण डिग्री कॉलेज में चल रहे एनएसएस कैंप के मेडिटेशन आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टरों ने महिला संबंधी रिपोर्ट पर चर्चा की। डॉक्टरों का कहना है कि महिला अस्वस्थ होती है, तो इसका दुष्प्रभाव उसके संतान एवं परिवार पर पड़ता है, महिलाएं अस्वस्थता अक्सर गरीबी, अज्ञानता, जागरूकता का अभाव और चिकित्सकीय सुविधा के अभाव में होता है। आजादी के बाद से ही सरकार के समक्ष महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार एक महत्वपूर्ण चुनौती रहा है।

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक डॉ ललित शर्मा ने बताया कि एनएफएचएस पांच के सर्वे रिपोर्ट ने सबको चौका दिया है। महिलाओं के स्वास्थ्य के सुधार के लिए सबसे जरुरी जागरुकता है और इसके लिए सरकार को आगे आना चाहिए। डॉ ललित शर्मा ने बताया कि यह भी चिंता का विषय है कि प्रदेश एनीमिया के मामले में 11 वें नंबर है, इसके लिए कुछ हद तक महिलाएं भी जिम्मेदार है और उनमें जागरुकता की कमी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज प्राचार्य डॉ जयपाल शर्मा महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी विषयों को रखा और इस पर चर्चा की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल

   

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