जींद : बाबा साहेब की शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो के संदेश पर अमल करें : कुमारी शैलजा

जींद, 13 अप्रैल (हि.स.)। सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता, संघर्ष और असाधारण योगदान ने आधुनिक भारत की नींव रखी। डा. भीमराव अंबेडकर एक नाम नही बल्कि वह विचारधारा है। जिन्होंने हमें संविधान, समानताए न्याय और स्वाभिमान का मार्ग दिखाया। हमें आत्मचिंतन भी करना होगा। वे रविवार को डा. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण सभा द्वारा भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर के 135वें जन्मोत्सव के अवसर पर गांव अशरफगढ़ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी।

सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि क्या हम उनके सपनों का भारत बना पाए हैं, क्या हम उस समाज की स्थापना कर पाए हैं। जहां कोई भेदभाव नहीं हो, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले। जब तक देश में असमानता, गरीबी और भेदभाव जैसी चुनौतियां मौजूद हैं तब तक बाबासाहेब का सपना अधूरा है। कुमारी शैलजा ने कहा कि बाबा साहेब ने छुआछूत और जातिगत भेदभाव की अमानवीय दीवारों को शिक्षा और आत्मबल से तोड़ डाला। उनका शैक्षणिक जीवन, उनके विचार, उनकी दृष्टि सब कुछ हमें सिखाता है कि अगर इरादे नेक हों और उद्देश्य स्पष्ट हो तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। कुमारी शैलजा ने कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ तो हमें एक ऐसे संविधान की आवश्यकता थी। जो सबको समान अधिकार दे। इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को बाबासाहेब ने बखूबी निभाया। भारतीय संविधान के निर्माण में उन्होंने जो योगदान दिया, वह केवल विधिक दृष्टि से नही बल्कि सामाजिक न्याय की स्थापना की दृष्टि से भी अत्यंत ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा था शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो। कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर ऊपर उठना है और समाज की मुख्यधारा में शामिल होना है तो हर हाल में बच्चों को शिक्षित करना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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