एडीए ने बिना नोटिस तोड़ा डॉक्टर का घर, शुक्रवार काे मेडिकल सेवाएं बंद की चेतावनी

अजमेर, 20 मार्च(हि.स)। अजमेर के ख्यातनाम न्यूरोलॉजिस्ट डॉ कुलदीप शर्मा का पंचशील स्थित चार साल पुराना रिहायशी भवन गुरुवार को अजमेर विकास प्राधिकरण ने जेसीबी चला कर तोड़ दिया। आरोप है कि एडीए के अधिकारियों ने यह कार्रवाई बिना किसी नोटिस के की। एडीए के अधिकारियों का कहना रहा कि डॉ कुलदीप शर्मा का निर्माण अवैध है। जबकि डॉ कुलदीप शर्मा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने एडीए से ही नीलामी में प्लाट खरीदा था, नियमानुसार एडीए के ही अधिकारियों ने जमीन की पैमाइश कर उन्हें अधिकृत नक्शे पर भवन बनाने की स्वीकृति दी थी तो फिर मकान अवैध कैसे हो सकता है?

इस घटना को लेकर अजमेर के प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन से जुड़े अनेक चिकित्सक मौके पर पहुंच गए और पुलिस थाना क्रिश्चियन गंज व जिला प्रशासन के अधिकारियों से जवाब तलब करने लगे। मामले में अभी बहुत ही गहमागहमी बनी हुई है। चिकित्सकों ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र का मजाक व खुले आम सरकारी अधिकारियों की गुंडागर्दी करार दिया है।

घटना से पीड़ित डॉ कुलदीप शर्मा के अनुसार एडीए के अधिकारियों द्वारा पुलिस फोर्स के साथ उनके मकान पर जब कार्रवाई की जा रही थी तब घर में उनके दो नाबालिग बच्चे मौजूद थे। जबकि वे और उनकी पत्नी अपनी नौकरी पर थे। एडीए के अधिकारियों ने बच्चों को धमका कर घर से बाहर निकाल दिया और उन्हीं के सामने उनके मकान पर जेसीबी का पीला पंजा चला कर मकान तोड़ना शुरू कर दिया। पड़ोसियों द्वारा सूचित करने पर जब वे और उनकी पत्नी घर पहुंचे तो एडीए के अधिकारियों के इशारे पर पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता बरतते हुए मारपीट की और उनको व उनकी पत्नी के मोबाइल छीन लिए उन्हें धकियाते हुए उनका गिरेबान पकड़ कर पुलिस की गाड़ी में बैठने के लिए जबरदस्ती की गई।

इस मामले में प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को अजमेर में मेडिकल सेवाएं आपातकालीन सेवाएं बंद रखने की चेतावनी दी है।

चिकित्सकों ने कहा कि किसी भी डॉक्टर का इस तरह से सम्मान का हनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एडीए के अधिकारियों ने जायज रास्ता अपनाने के बजाए नाबालिग बच्चों के सामने उसके पिता से मारपीट कर उनका मकान तोड़ दिया। यह​ घटना बच्चों के मन पर कितना बुरा और गलत प्रभाव देश, समाज और व्यवस्था प्रशासन के लिए छोड़ेगी इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के सम्मान की बहाली के लिए आंदोलन किया जाएगा।

गौरतलब है कि डॉ कुलदीप शर्मा ने विगत विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से अजमेर उत्तर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा था। टिकट नहीं मिलने पर भी डॉ कुलदीप शर्मा ने भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था। गुरुवार की घटना को कुछ लोग राजनीतिक नजरिए से भी देख रहे हैं तो कुछ एडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारियों की द्वेष्ता से जोड़ कर ले रहे हैं। वहीं इस मामले में भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष रमेश सोनी ने डॉ कुलदीप शर्मा के पक्ष में बयान देकर इस बात को विराम लगाया है कि यह कार्रवाई अजमेर में पूर्व में हुई कार्रवाइयों की तरह राजनीतिक ही रही होगी। सोनी ने अपने बयान में घटना की निंदा की और प्रथम दृष्टया एडीए की कार्रवाई को गलत और गैर जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि जिन भी अधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने डॉ दम्पती पर हमला किया या अभद्रता की है, निश्चित ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और यह सारा मामला सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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