अस्मिता खेलो इंडिया लीग: अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में फुटबॉल की चमक

नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में इस जनवरी उगते सूरज के साथ फुटबॉल का जोश और उत्साह भी नई ऊँचाइयों पर पहुँच गया। केंद्र सरकार की प्रमुख पहल अस्मिता खेलो इंडिया महिला लीग ने इस बार शि योमी, जीरो और नाहरलागुन जैसे दूरदराज के इलाकों में फुटबॉल का आयोजन किया, जिसमें लगभग 500 महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

15 जनवरी से शुरू हुए इस टूर्नामेंट ने भारतीय-चीन सीमा के पास स्थित छोटे से गाँव मोनीगोंग में भी उत्साह का संचार किया। यहाँ विभिन्न आयु समूहों (अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-17) की लड़कियों ने लीग में भाग लिया।

शि योमी जिले में 9वें ग्रेनेडियर के मेजर अंकित शर्मा, जो पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि थे, ने कहा, “इनमें से 70% लड़कियों ने पहली बार फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। उन्होंने सिर्फ 10 दिनों की तैयारी के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया।”

खेल समावेशिता को बढ़ावा देती अस्मिता लीग

अस्मिता लीग का पूरा नाम ‘अचीविंग स्पोर्ट्स माइलस्टोन बाय इंस्पायरिंग वीमेन थ्रू एक्शन’ है। यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेलों में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देना है।

अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पासंग दोरजी सोना ने लीग की सराहना करते हुए कहा, “अस्मिता ने हमारी लड़कियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मौका दिया है। यह खेल और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ है।”

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने इस सत्र में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को अस्मिता लीग के निर्बाध आयोजन के लिए 3.07 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की। इस सत्र में कुल 90 शहरों में टूर्नामेंट का आयोजन हुआ, जिसमें 7,000 से अधिक लड़कियों ने हिस्सा लिया।

दूरदराज के बच्चों के लिए बड़ा मंच

शि योमी जिले के मोनीगोंग के सरकारी माध्यमिक विद्यालय के फुटबॉल कोच दावा रुकू ने कहा, “इस क्षेत्र के बच्चों को अस्मिता लीग के माध्यम से एक बड़ा मंच मिला है। परिवहन की समस्याओं के कारण यहाँ के बच्चे बाहर खेलने नहीं जा सकते थे। लेकिन अब उन्हें अपने ही क्षेत्र में प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है।”

उन्होंने यह भी बताया कि लीग न केवल खेलों को बढ़ावा दे रही है, बल्कि बाल विवाह जैसे सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने का भी माध्यम बनी है।

72 लाख रुपये की पुरस्कार राशि

अस्मिता लीग की विजेता टीमों के लिए कुल 72 लाख रुपये की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। हालाँकि, इसका प्रभाव पुरस्कार राशि से कहीं आगे तक जाता है। कोच दावा रुकू ने विश्वास जताया कि यह मंच लड़कियों को राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा।

स्थानीय समुदाय में उम्मीद की नई किरण

अस्मिता लीग ने न केवल फुटबॉल को अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में पहुँचाया, बल्कि स्थानीय समुदाय में गर्व और उम्मीद का संचार भी किया। यह पहल एक खेल प्रतियोगिता से बढ़कर समाज में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत बन चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

   

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