भागलपुर, 28 अक्टूबर (हि.स.)। पीस सेंटर परिधि की ओर से सोमवार को अमन के दीप कार्यक्रम के नाम से
दिवाली मिलन का आयोजन लाजपत पार्क के समीप किया गया। कार्यक्रम कला केंद्र से सटे
अहाते में हुआ। पीस सेंटर परिधि आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन उदय ने किया तथा
धन्यवाद पीस सेंटर के संयोजक राहुल ने दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दिए दिवाली के
जलाओ मिलके सब और मनाओ मिलके सारे ईद भी से हुई इस अवसर पर डू वीणा यादव ने एक
दूसरे को दीपावाली की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिवाली अंधेरे के खिलाफ
खड़े होने और अपना रास्ता आलोकित करने का मेसेज देता हुआ त्यौहार है। एक हाथ में
गीता, एक हाथ में कुरान, तभी अपना देश महान कहकर देश के तरक्की की कामना की।
तिलकामांझी
भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ योगेंद्र ने कहा कि दुनिया का कोई
भी देश एकाकी नहीं हो सकता हमें विभिन्न रूप, रंग, धर्म को आधार के साथ स्वीकार
करना होगा। हमारा देश सांझी संस्कृति का देश है। बहुलतावाद राष्ट्रवाद का
पर्यायवाची है। विभिन्न संस्कृतियों को अक्षुण्ण रखने और त्यौहारों को सेलिब्रेट
करने का मतलब है राष्ट्रीयता को मजबूत करना। दुर्भाग्य से अवांछित तत्व राष्ट्रीय
आंदोलन के मूल्यों को खंडित कर राष्ट्रवाद रटते हैं। लगभग दुनिया के सभी मुल्कों
और समुदायों के बीच रौशनी का पर्व भिन्न भिन्न नामों से मनाया जाता है। इस त्यौहार
से जुड़ा हुआ काली पूजा लक्ष्मी पूजा और गोवर्धन पूजा है। अमन और शांति के बिना
लक्ष्मी नहीं आती ऐसा मिथ है। जिस तरह हिंदू मान्यताओं में दिवाली से जुड़ी कुछ
आख्यान हैं वैसे ही दूसरे संप्रदायों में भी है। इस अवसर पर विभिन्न समुदाय के
लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दी।
मौके पर हिंदू मुस्लिम, स्त्री-पुरुष सभी ने
मिलकर अमन के दीप जलाए और मिठाइयां भी बांटी। इस अवसर पर डॉ वीणा यादव, छाया
पांडे, डॉ हबीब मुर्शिद खान, डॉ योगेंद्र, डॉ अलका, तक़ी अहमद जावेद, डॉ उपेंद्र
शाह, मृदुला सिंह, पूनम श्रीवास्तव, मो बाकिर हुसैन, अर्जुन शर्मा, मिंटू कलाकार,
चित्रकार विजय साह, उज्जवल कुमार घोष, संगीता, रंगकर्मी राजेश झा, सुषमा, फनी
चंद्र, इप्टा के संजीव कुमार दीपू, शिवानी मिश्रा, मो साहीन अनीस, कोमल श्री, मनोज
कुमार, पुष्पा देवी, रूपा रानी साह, प्रीति सिंह, क़ृषिका गुप्ता, निलंजना, पूनम
श्रीवास्तव, निशा राय, पूनम पांडे, स्मिता, आकांक्षा आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर