बाबा मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरीयां गांव पहुंची 

- शनिवार को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी मद्महेश्वर की डोली

रुद्रप्रयाग, 22 नवंबर (हि.स.)। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए शुक्रवार को गिरीया गांव पहुंच गई। शनिवार को भगवान मद्महेश्वर की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी और वहीं शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी।

शुक्रवार ब्रह्म बेला में मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने राकेश्वरी मन्दिर रांसी में पंचाग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर व मां राकेश्वरी सहित 33 कोटि देवी-देवताओं का आहवान कर आरती उतारी। इसके बाद निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से गिरीया गांव लिए रवाना हुई। रास्ते में उनियाणा, राऊलैंक, बिरोली, मनसूना, गिरीया गांव सहित विभिन्न स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प से डोली का स्वागत किया और लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर व विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र की समृद्धि की कामना की।

शनिवार को ब्रह्म बेला पर सैकड़ों श्रद्धालु गिरीया गांव में भगवान मदमहेश्वर के निर्वाण दर्शन कर विश्व समृद्धि की कामना करेंगे। इसके बाद डोली ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी। भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के स्वागत में ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर को मन्दिर समिति ने भव्य रूप से सजाया है।

मंदिर समिति अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और ओंकारेश्वर मन्दिर को आठ कुन्तल फूलों से सजाया गया है।

इस मौके पर प्रधान बीर सिंह पंवार, महावीर पंवार, कमलेन्द्र सिंह नेगी, राकेश नेगी, मदन भटट्, दिवारा यात्रा प्रभारी रमेश नेगी, डोली प्रभारी दीपक पंवार, देवानन्द गैरोला सहित गौंडार, रांसी व उनियाणा के हक-हकूकधारी, जनप्रतिनिधि, मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीण मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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