कर्सियांग में सड़क पार करते दिखा काला चीता

सिलीगुड़ी, 17 अक्टूबर (हि.स.)। दार्जिलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क को लाल पांडा संरक्षण के लिए विश्व स्तर पर पहचान मिली है। इसी बीच कर्सियांग की सड़कों पर काला चीता नजर आया है। जिससे वन विभाग सहित इलाके में हर्ष का माहौल है। कुछ दिन पहले भूटान से सटे सिक्किम के पहाड़ में रॉयल बंगाल टाइगर का अस्तित्व पाया गया था। नतीजन पहाड़ जंगली जानवरों के विचरण के लिए आदर्श स्थान बन रही है। वनकर्मी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं।

कहीं रॉयल बंगाल टाइगर तो कहीं ब्लैक लेपर्ड, एक के बाद एक जंगली जानवर कैमरे में कैद हो रहे हैं। सोमवार को कर्सियांग के बागोरा जंगल संलग्न सड़क पर एक काला चीता मोबाइल फोन के कैमरे में कैद हुआ है।

जंगली रास्ते से गुजरते समय वायु सेना के एक जवान को झाड़ियों में कुछ हिलता हुआ नजर आया। मामले को अच्छे से समझने के लिए उन्होंने मोबाइल फोन का कैमरा एक्टिवेट किया। एक क्षण में काले कलर का एक जानवर उसकी आंखों के सामने सड़क पार कर गया। इसके बाद उन्होंने अपने एक परिचित वन अधिकारी को इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही वीडियो भी शेयर किया। वन अधिकारियों ने सच्चाई की जांच करने के लिए जांच शुरू की। जिसके बाद कर्सियांग वन विभाग की ओर से कैमरे में कैद हुए जानवर काला चीता होने की पुष्टि की।

डीएफओ देवेश पांडे ने कहा कि विभिन्न जांच के माध्यम से वीडियो की प्रामाणिकता का पता चला है। इलाके में एक या एक से अधिक काला चीता मौजूद हैं। जिनकी भी तलाश की जा रही है। इससे पहले गिद्दा हिल्स इलाके में काला चीता देखा गया था, जिसके चलते वन विभाग इस बात की जांच में जुट गया है कि कर्सियांग में काला चीता प्रजनन कर रहा है या नहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार

   

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