भगवान वेद व्यास ने चारों वेदों का संग्रह कर आने वाली पीढ़ी को दिया: योगी आदित्यनाथ

शिव महापुराण कथा में शामिल  मुख्यमंत्री : फोटो बच्चा गुप्ता

—गंगापार डोमरी में चल रही शिव महापुराण कथा में शामिल हुए मुख्यमंत्री,कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्र का किया अभिनंदन

वाराणसी,25 नवम्बर (हि.स.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गंगा पार डोमरी स्थित सतुआबाबा आश्रम में आयोजित शिव महापुराण कथा में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्र और मौजूद लाखों श्रद्धालुओं का अभिनंदन कर खुशी जाहिर की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दृश्य हमारे लिए सनातन धर्म का एक लघु भारत का रूप है और यह हमारी सामाजिक क्षमता का भी प्रतीक है। कौन कहता है कि हम आपस में बंटे हैं, कहां जातिवाद है, कहां संप्रदायवाद है। कहां उपासना विधि का वाद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवपुराण कथा बाबा भैरवनाथ,काल भैरव भी सुन रहे हैं, मां गंगा और श्रद्धालु भी सुन रहे हैं। यह कथा उन सभी लोगों काे जवाब है जो हमें जाति के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, भाषा के नाम पर तमाम बातों के नाम पर बांटते हैं। उनकी आंखों को खोलने के लिए कथा का विहंगम दृश्य काफी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5000 वर्ष पहले से हम जिस पवित्र पीठ को व्यासपीठ कहते हैं । वह भगवान वेद व्यास की पवित्र परंपरा है। भगवान वेद व्यास ने ही चारों वेदों का संग्रह करके आने वाली पीढ़ी को दिया। शिष्य की परंपरा वेदों के संरक्षण के लिए कैसे बनी है, इसमें पूरा ज्ञान समाहित है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण जैसा ज्ञान, भक्ति और वैराग्य की अद्भुत त्रिवेणी का महापुराण है। मुक्ति और जीवन की सफलता का रहस्य, इन पुराणाें में छिपा हुआ है। यह सब भगवान वेदव्यास ने ही हमें दिया। पुराणों की रचना कैसे की जानी चाहिए, उन्होंने इसकी शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रद्धालु होते हैं परम भक्त होते हैं। परम भक्त की सबसे बड़ी पहचान क्या है वह अनुशासित होता है। जिसकी आत्मा अनुशासन है, उसका भौतिक द्रव्यों पर भी अनुशासन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो सब एक होकर इस पावन कथा के माध्यम से एक उदाहरण सबके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। एकदम सामने बाबा विश्वनाथ का धाम है, मां गंगा का सानिध्य। सतुआ बाबा ने ऐसा स्थल चयन किया कि एक साथ बाबा के भी दर्शन हो और मां गंगा के भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौराणिक कथाओं से राष्ट्रीय एकता व राष्ट्रधर्म को मजबूती मिलती है।

— 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा 'महाकुंभ'

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुंभ के पहले काशी की धरती पर कथा के माध्यम से कुंभ का दर्शन हो रहा है। प्रयागराज की पावन धरती पर 13 जनवरी से 26 फरवरी (पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि) तक दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक व सामाजिक समागम 'महाकुंभ-2025' का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गत माह पं. प्रदीप मिश्र की कथा हापुड़ में होने वाली थी, लेकिन प्रशासन ने अचानक आयोजन को निरस्त कर दिया। शाम को जानकारी मिलने पर मैंने पूछा कि ऐसा क्यों किया गया, बताया गया कि भीड़ ज्यादा हो सकती है। मैंने कहा कि उनकी कथा की चर्चा ही इस बात के लिए होती है कि वहां हजारों में नहीं, बल्कि लाखों में गिनती होती है और वे सभी श्रद्धालु-परमभक्त होते हैं।

—सनातन धर्म और सामाजिक समता का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब एक होकर पावन कथा के माध्यम से अपने राष्ट्रधर्म के निर्वाह के लिए धर्म योद्धा के रूप में अपने आप को समर्पित कर रहे हैं। यह कथा उसका उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे में यूपी काॅलेज के संस्थापना समारोह में भाग लेने के बाद काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री ने दोनों मंदिरों में दर्शन पूजन के बाद प्रदेशवासियों की सुख, शांति और समृद्धि के लिए कामना की। दर्शन-पूजन के दौरान मुख्यमंत्री के साथ राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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