स्वच्छ और डिजिटल महाकुम्भ को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार  

--शीर्ष समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने महाकुम्भ की तैयारियों पर जताई खुशी, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

--पीएम मोदी और सीएम योगी के डिजिटल और स्वच्छ महाकुम्भ के संकल्प को हर हाल में किया जाएगा साकार

--प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ को प्रोत्साहित करने के लिए मेला क्षेत्र में दोना, पत्तल और जूट के थैले का हो इस्तेमाल

प्रयागराज, 12 नवम्बर (हि.स.)। योगी सरकार महाकुम्भ को स्वच्छ और डिजिटल रूप में प्रदर्शित करने पर खास फोकस कर रही है। मंगलवार को प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शीर्ष समिति की 15वीं बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप इस महाकुम्भ को डिजिटल और स्वच्छ महाकुम्भ प्रदर्शित करने के लिए जो भी आवश्यक कदम हैं, वो उठाए जाने चाहिए। पूरे शहर और कुम्भ मेला क्षेत्र में डिजिटल साइनेज होने चाहिए। सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक स्थान पर डस्टबिन हो, उसके साथ सफाई कर्मी और कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के बीच समन्वय होना चाहिए।

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तेजी से हो रहा काम

मुख्य सचिव ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि महाकुम्भ को लेकर जो तैयारियां चल रही हैं वो बहुत अच्छी हैं। विपरीत परिस्थितियों और बारिश के बावजूद भी काम पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। जितने भी विभाग यहां तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं, सभी अपने कार्यों को 30 दिसम्बर तक हर हाल में पूरा कर लेंगे। एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग को लेकर जो भी समस्याएं हैं, उसके विषय में भारत सरकार के साथ विमर्श किया जाएगा। उम्मीद है कि मेला की शुरुआत तक इस समस्या को हल कर लिया जाएगा। अधिक से अधिक फ्लाइट्स को ऑपरेट करने का प्रयास किया जा रहा है।

तकनीक के इस्तेमाल से सुनिश्चित हो साफ सफाई

उन्होंने कहा कि पिछले कुम्भ के आयोजन में हमने कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। खासतौर पर स्वच्छ कुम्भ को लेकर काफी काम किया गया है। पहले कुम्भ शुरू होने और खत्म होने तक दुर्दशा होती थी, लेकिन अब इनोवेशन का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर स्थितियों में क्रांतिकारी बदलाव लाया गया है। इस महाकुम्भ को भी स्वच्छता के दृष्टिकोण से अद्भुत बनाना है। तकनीक के इस्तेमाल से सफाई और उसकी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सफाई की यही कार्ययोजना यूरिनल्स को लेकर भी बनाई जाए। वहां पानी रुकना नहीं चाहिए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का निस्तारण सुनिश्चित होना चाहिए। जहां-जहां डस्टबिन लगाए जाने हैं उन्हें सफाईकर्मी के साथ और सफाईकर्मी का वेस्ट उठाने वाली गाड़ी के साथ समन्वयन होना चाहिए।

प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ को करें प्रोत्साहित

उन्होंने कहा कि कोई भी नाला खुला नहीं होना चाहिए। नाले का पानी नदी में नहीं जाना चाहिए। आवश्यकता हो तो स्पेशलाइज्ड टीमों को इसमें लगाया जाय। नालों के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट का निस्तारण प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर में जहां-जहां कम्युनिटी टॉयलेट्स हैं, वहां लोग टेबल लगाकर न बैठें। साथ ही, एंट्रेंस एरिया खाली रहना चाहिए, ताकि किसी को असुविधा न हो। सफाई कर्मियों के खाने पीने की व्यवस्था जहां वो हों वहीं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ को प्रोत्साहित करें। दोना, पत्तल, जूट के थैले सब्सिडाइज्ड होने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसको इस्तेमाल करें। हाथ से दोना और पत्तल बनाने वालों को भी मेला क्षेत्र में स्टॉल दिलाए जाने की व्यवस्था की जाए। पेंट माई सिटी के तहत ओवरब्रिज और आरओबी पर बड़े आर्टिस्ट्स द्वारा पेंटिंग्स को लगाया जाना चाहिए।

सभी से अलग अलग मिलकर आगे बढ़े अलॉटमेंट की प्रक्रिया

मुख्य सचिव ने कहा कि लैंड अलॉटमेंट में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने मेलाधिकारी को निर्देश दिया कि एक-एक कर लोगों से बात करें और कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में लग रहे टेंट सिटी पर उन्होंने कहा कि टेंट्स में दिया जाने वाला सामान नया होना चाहिए। कोई भी पुराना सामान न दिया जाए। उन्होंने कहा डिजिटल कुम्भ को प्रत्येक विभाग द्वारा प्रोत्साहित किया जाए। अधिकतर लोग ऐप का इस्तेमाल नहीं करते, उनके लिए डिजिटल साइनेज और मल्टीलिंग्वल साइनेज लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि शहर में चल रहे हॉर्टीकल्चर का काम तेजी से पूरा कराया जाए। सड़क बनने के बाद राइडिंग क्वालिटी बेहतर होनी चाहिए। इसकी थर्ड पार्टी से जांच भी कराई जाए। जिन सड़कों पर काम हो रहा है, वहां सीवेज का काम दुरुस्त कराया जाए।

दस प्रस्तावों को मिली सैद्धांतिक मंजूरी

मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने मुख्य सचिव के समक्ष अनुमोदन के लिए 10 प्रस्ताव भी रखे। जिन्हें सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। इसमें लोक निर्माण विभाग और सीएंडडीएस के दो-दो और नगर निगम, मेला प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, जल निगम नगरीय, सूचना विभाग और राज्य सड़क परिवहन विभाग का एक-एक प्रस्ताव शामिल रहा। इसमें प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा जनवरी में कराए जाने वाले कुम्भ कॉनक्लेव के लिए 2.35 करोड़ रुपए, पर्यटन विभाग द्वारा परेड ग्राउंड में 55 प्रीमियम टेंट लगाने के लिए 3.51 करोड़, दारागंज बक्सी बांध तिराहा से दशाश्वमेध घाट तक मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए 1.83 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त पेंट माइ सिटी में बचत की धनराशि से 5 लाख स्क्वायर फीट कार्य कराने, लोक निर्माण विभाग द्वारा अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद सर्किट हाउस में फर्नीचर एवं फर्निशिंग के लिए 3.92 करोड़, उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा झूंसी में छतनाग रोड से 16 एमएलडी एवं 50 केएलडी एफएसटीपी (को-ट्रीटमेंट प्लांट) तक सीमेंट्र कंक्रीट रोड के निर्माण हेतु 2.41 करोड़, सूचना विभाग द्वारा महाकुंभ में डिजिटल साइनेज लगाने के लिए 10 करोड़, सीएंडडीएस द्वारा बक्शी बांध वेंडिंग जोन में सीसी रोड विकास के लिए 3.24 करोड़, लोक निर्माण विभाग द्वारा आईसीसीसी के रेनोवेशन के लिए 50 लाख और यूपीएसआरटीसी द्वारा अस्थाई बस स्टेशनों के निर्माण के लिए 1.14 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि आवंटन को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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