विधानसभा में कांग्रेस विधायक पेटवाड़ ने उठाया खिलाड़ियों को पुरस्कार का मुद्दा

चंडीगढ़, 13 मार्च (हि.स.)। विधानसभा में नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ ने खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार का मुद्दा उठाया। उन्होंने खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार बंद होने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में जवाब मांगा। सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वर्ष 2018 से लेकर 2024 तक का कोई कैश अवार्ड पेंडिंग नहीं है।

नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ ने आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रीय स्तर के कैश अवार्ड बंद कर दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि 2018 से खिलाड़ियों को पैसा नहीं मिला है। सरकार की योजना के तहत गोल्ड मेडल पर 3 लाख, सिल्वर पद पर 2 लाख और कांस्य पदक पर तीन लाख रुपये दिए जाने की योजना है। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रुप-सी की नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत कोटे को भी सरकार ने बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा कि 2022 के पैरा-ओलंपिक में गोल्ड व सिल्वर मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों को भी नकद अवार्ड नहीं मिला है। सर्कल कबड्डी के खिलाड़ियों को 2018 से पहले पैसा मिलता था, लेकिन अब वह भी बंद कर दिया है। ओलंपियन और जुलाना विधायक विनेश फोगाट ने कहा कि पिछले दस महीने से खेल नर्सरियों में कार्यरत कोच और खिलाड़ियों को भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। आरोपों के बीच स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि विधायक लिखकर देंगे और मंत्री उस पर संज्ञान लेंगे।

प्रदेश के खेल मंत्री गौरव गौतम ने 2018 से 2024 तक दिए गए कैश अवार्ड का रिकार्ड सदन में रखते हुए कहा कि सरकार ने इस अवधि में प्रदेश के 9 हजार 202 खिलाड़ियों को 428 करोड़ 82 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है। बाकी के पुरस्कार सरकार जल्द देगी। खेल मंत्री ने बताया कि 2018-19 में खिलाड़ियों को 44 करोड़ रुपये, 2019-20 में 38 करोड़, 2021-22 में 14 करोड़, 2022-23 में 70 करोड़ रुपये, 2023-24 में 100 करोड़ तथा 2024-25 में खिलाड़ियों को 112 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए। साथ ही, खेल मंत्री ने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को कैश अवार्ड नहीं मिला है तो उसका नाम बताएं। सरकार की ओर से खेल नीति में कवर होने वाले सभी खिलाड़ियों को अवार्ड दिए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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