खेल मंत्री मांडविया करेंगे ओलंपिक तैयारी और खेल प्रशासन पर ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता

हैदराबाद, 06 मार्च (हि.स.)। 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारियों और 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 7-8 मार्च को हैदराबाद में एक उच्च स्तरीय चिंतन शिविर की अध्यक्षता करेंगे।

यह दो दिवसीय विचार-विमर्श सत्र कान्हा शांतिवनम में आयोजित किया जाएगा, जहां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्री, वरिष्ठ खेल प्रशासक, प्रमुख सरकारी अधिकारी और खेल विशेषज्ञ एक मंच पर आकर भारत को वैश्विक खेल शक्ति बनाने की रणनीति तैयार करेंगे। इस दौरान खेल प्रशासन को सशक्त बनाने, जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान, खेल अवसंरचना के विकास, समावेशिता बढ़ाने और सहयोगी प्रयासों को गति देने पर विचार-विमर्श होगा।

डॉ. मांडविया, इस चिंतन शिविर में विभिन्न हितधारकों के साथ रणनीतिक चर्चा करेंगे। राज्यों के प्रतिनिधि अपने बेहतरीन मॉडल और नवाचारों को साझा करेंगे, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी खेल नीतियों का निर्माण किया जा सके।

चिंतन शिविर के प्रमुख फोकस क्षेत्र-

- केंद्र सरकार की विभिन्न खेल योजनाओं का अवलोकन और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय।

- खेल विकास एवं अवसंरचना में कॉर्पोरेट भागीदारी।

- जमीनी स्तर की प्रतिभाओं की खोज और पोषण।

- खेल प्रशासन में सुशासन को बढ़ावा।

- खेलो इंडिया और फिट इंडिया अभियानों का विस्तार।

- खेलों में समावेशिता को प्रोत्साहन।

- खिलाड़ियों और कोचों के कल्याण पर विचार।

खेल मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में डॉ मांडविया ने कहा, हाल ही में संपन्न उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में भारतीय एथलीटों की सफलता हमारी अपार क्षमता को दर्शाती है। हमारा लक्ष्य ओलंपिक में उत्कृष्टता प्राप्त करना और भारत को खेलों की महाशक्ति बनाना है। यदि हम विचारों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करें, तो हम एक संगठित और सतत खेल ढांचा सुनिश्चित कर सकते हैं। ओलंपिक की मेजबानी करना एक राष्ट्रीय मिशन है और हमें एकजुट होकर इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।

खेल मंत्री ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे अपने बेहतरीन खिलाड़ियों की पहचान करें, जिन्हें कोचिंग की भूमिका में लाया जा सके। इससे खेल व्यवस्था की खामियों को दूर किया जा सकेगा और प्रतिभा विकास की प्रक्रिया को मजबूत किया जा सकेगा।

यह चिंतन शिविर भारतीय खेल जगत में बदलाव लाने के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगा और वैश्विक स्तर पर दीर्घकालिक सफलता की नींव रखेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह

   

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