राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को और बल देने की कोशिश : डॉ सुधांशु

पटना, 3 मार्च (हि.स.)। बिहार विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 साल के लिए उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए देश के ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री और प्रौफेसर डॉ. सुधांशु ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि राज्य में आसन्न चुनाव के मद्देनजर इस वर्ष के बजट के केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को और आगे बढ़ाने की कोशिश दिखी है।

डॉ. सुधांशु ने कहा कि पिछले लगभग दो दशक में राज्य के बजट में कई गुना वृद्धि हुई है, जिसका राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन के साथ प्रबंधन किया है। 3.17 लाख करोड़ के इस बजट में भी राजकोषीय घाटे और कर्ज को राज्य की जीएसडीपी का 2.98 प्रतिशत रखा गया है। साथ ही राज्य सरकार के योजना मद के खर्च में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। वही स्थापना एवं प्रतिबद्ध खर्च में लगभग 11 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहा वेतन आदि जरूरतों पर बढ़ते खर्च के लिए वित्तीय संसाधन बढ़ाने की जरूरत थी, वहीं योजना मद में वृद्धि से राज्य के विकास योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा। नई नियुक्तियों और बढ़ते वेतन को देखते हुए इस मद में 81 हजार करोड़ का खर्च तो वहीं पेंशन पर 33 हजार करोड़ खर्च होंगे। पूंजीगत खर्च को भी बढ़ाया गया है और इसे कुल खर्च का 20.5 प्रतिशत रखा गया है। इसमें राज्य को केंद्र सरकार के बजट में किये प्रावधानों का भी लाभ मिल सकता है।

अर्थशास्त्री सुधांशु नेे कहा कि राज्य सरकार अपने राजस्व खाते में से पैसे को बचा कर पूंजीगत खर्च को सहयोग दे सकती है। इन प्रयासों से राज्य के आर्थिक विकास के लिए जरुरी आधारभूत संरचना को बढ़ने में सहयोग मिलेगा। बिहार के लिए यह वर्ष खास है, इसकी झलक केंद्र सरकार के बजट की घोषणाओं में भी दिखी। ऐसे में चुनावी वर्ष में बजट घोषणाओं को अमल करने की पूरी कोशिश आने वाले समय में दिखेगी, ऐसा उम्मीद है। बजट में महिला, युवा और किसान की जरुरतों के साथ स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं के विकास पर बातें की गई हैं, जो राज्य सरकार की अब तक की उपलब्धियों के दावों की दिशा में किये गए प्रयास हैं।

उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के तहत महिलाओं के रोजगार के नये अवसरों के सृजन की घोषणा बजट में की गयी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी निवेश के अलावे पीपीपी मोड में सरकार और निजी क्षेत्र के संयुक्त सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की घोषणा से निजी निवेश के साथ इलाज की सुविधा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है। साथ ही दवाओं के उत्पादन और शोध को बढ़ावा देने की बात की गई है। पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है। वायु गुणवत्ता के सुधार के लिए भी बजट में प्रावधान किये गए हैं। सड़क यातायात के साथ हवाई सुविधाओं के विकास पर बल दिया गया है जिसे केंद्र के सहयोग से बढ़ाने से राज्य के नागरिकों को काफी सुविधा होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

   

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