गोवा में फर्जी रिसॉर्ट बुकिंग के नाम पर हिमाचल के पूर्व सीपीएस नीरज भारती से एक लाख की ठगी

शिमला, 18 जनवरी (हि.स.)। गोवा में छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) नीरज भारती के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने एक फर्जी रिसॉर्ट बुकिंग के नाम पर नीरज भारती से एक लाख रुपए ऐंठ लिए। मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस थाना छोटा शिमला में दर्ज करवाई है। पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318 (4) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामले के अनुसार नीरज भारती ने हाल ही में गोवा जाने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने 10 जनवरी को इंटरनेट पर एक रिसॉर्ट की तलाश की। इस दौरान उन्होंने 'कारा विला रिसॉर्ट' नाम के एक रिसॉर्ट का विज्ञापन देखा और इसे बुक करने का फैसला किया। बुकिंग कन्फर्म करने के लिए उन्होंने दिए गए फोन नंबर पर संपर्क किया और उनके बताए गए गूगल पे खाते में एक लाख रुपए की अग्रिम राशि भेज दी।

ठगों ने उनकी बुकिंग को पुख्ता दिखाने के लिए उन्हें एक फर्जी रसीद भी भेजी। पूरी यात्रा का कुल खर्च 2,48,400 रुपए बताया गया था। लेकिन जब नीरज भारती ने रिसॉर्ट की और जानकारी जुटाई तो पता चला कि गोवा में इस नाम का कोई रिसॉर्ट मौजूद ही नहीं है।

शिमला पुलिस ने शुरू की जांच

घटना की जानकारी मिलते ही नीरज भारती ने छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि साइबर ठगों ने बड़ी चालाकी से इंटरनेट पर फर्जी रिसॉर्ट का विज्ञापन डालकर यह ठगी की है।

पुलिस ने बताया कि ठगों ने बुकिंग प्रक्रिया को इतना वास्तविक और आकर्षक बनाया कि किसी को भी उस पर शक नहीं हो। अब साइबर क्राइम विशेषज्ञों की मदद से पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगों ने किस तकनीक का इस्तेमाल किया और उनका ठिकाना कहां है।

साइबर अपराधों में हो रही है बढ़ोतरी

यह मामला केवल नीरज भारती तक सीमित नहीं है। देशभर में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ठग नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को झांसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी की सत्यता की जांच किए बिना किसी भी प्रकार का लेनदेन करना जोखिम भरा हो सकता है। इसके अलावा, साइबर ठगी के मामलों में फर्जी वेबसाइट, ऐप्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल आम हो गया है।

साइबर अपराधों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने जनता को सलाह दी है कि किसी भी अनजान वेबसाइट या व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप किसी भी प्रकार का ऑनलाइन लेनदेन कर रहे हैं तो उस प्लेटफॉर्म की प्रामाणिकता को अच्छे से परखें।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर वे किसी भी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल को इसकी सूचना दें। समय पर दी गई जानकारी से ठगों को पकड़ने में मदद मिल सकती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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