बनास नदी में पांच दोस्त बहे, एक का शव मिला, दाे तैरकर निकले-दाे अब भी लापता

अजमेर, 11 मार्च (हि.स.)। केकड़ी की बनास नदी में नाव पलटने से पांच दोस्त बह गए। इनमें से दाे तैरकर बाहर निकल गए। तीन लापता थे। इनमें से एक का शव 22 घंटे बाद बरामद किया गया है। दो अब भी लापता हैं। पिछले 24 घंटे से एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।

सोमवार रात अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। मंगलवार सुबह दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। ग्रामीण भी अपनी ओर से बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं।

मंगलवार सुबह एसडीआरएफ ने कालूराम मीणा (16) का शव नदी से बाहर निकाल लिया। अभी भी दाे लापता युवकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

सावर थाना प्रभारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि पांच दोस्त प्रवीण मीणा (30), संदीप मीणा (30), कालूराम मीणा (16), राजवीर मीणा (30) और सांवरा मीणा (28) निवासी नापाखेड़ा, सावर बनास नदी में बोटिंग करने गए थे। सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे अचानक नाव डूब गई।

हादसे के बाद प्रवीण और सांवरा मीणा ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचा ली। राजवीर मीणा और संदीप मीणा अभी भी लापता हैं। कालूराम मीणा की सुबह बॉडी निकाल ली गई।

तैरकर बाहर निकले प्रवीण मीणा ने बताया कि हम सभी नाव में बैठे हुए थे। नाव किनारे से कुछ दूरी पर थी, कि अचानक संतुलन बिगड़ने से पलट गई। हम सभी सभी पानी में डूब गए। मैं और सांवरा मीणा तैरकर बाहर निकल आए, जबकि तीन अन्य दोस्त नहीं मिले।

कालूराम (मृतक) के पिता रमेश मीणा ने बताया कि सोमवार को पांचों दोस्तों ने नदी में बोटिंग करने का प्लान बनाया था। दोपहर में सभी इकट्ठे हुए और बीसलपुर बांध में मछली पकड़ने वाले ठेकेदार की नाव से नदी में बोटिंग करने लगे। प्रवीण और सांवरा मीणा मछली ठेकेदार के यहां चौकीदारी करते हैं। ये दोनों तैरना भी जानते हैं। इसलिए नाव डूबने के बाद निकल गए। संदीप, कालूराम और राजवीर मीणा को तैरना नहीं आता था।

प्रवीण और सांवरा मीणा ने बाकी तीनों दोस्तों को तलाश करने की कोशिश की। नदी की गहराई ज्यादा होने की वजह से वो वहां ज्यादा देर नहीं रुक पाए। जान बचाने के लिए तैरकर बाहर निकल आए। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों और प्रशासन को हादसे की सूचना दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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