-गीता के ज्ञान से विद्वानों ने दिया
सामाजिक विकास का संदेश
सोनीपत, 10 दिसंबर (हि.स.)। गोहाना
नगर परिषद की चेयरपर्सन रजनी विरमानी ने गीता को भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताते हुए
इसके संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गीता जयंती
को महोत्सव का रूप देकर हरियाणा सरकार ने इसे जनसरोकार का माध्यम बनाया है। मंगलवार
को सुभाष स्टेडियम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत जिला स्तरीय
कार्यक्रम में उन्होंने समाज को गीता से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
हरियाणा
खेल विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक कुमार ने गीता को मानव जीवन के उद्धार का ग्रंथ बताते
हुए इसके तीन प्रमुख मार्ग ज्ञान योग, कर्म योग और भक्ति योग
पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की भयंकर समस्या तनाव से मुक्ति का समाधान
गीता के ज्ञान में है। वहीं प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विद्यालय की बहन प्रमोद ने कहा
कि आत्मा बंधन मुक्त है और अहंकार से दूर रहकर जीवन को संतुलित बनाना ही गीता का संदेश
है। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का संचार करने की अपील की।
गुरुकुल
जुआं के आचार्य वेदनिष्ठ ने गीता के स्थायित्व पर जोर देते हुए इसे वर्तमान युग की
समस्याओं का समाधान बताया। उन्होंने गीता के नियमित अध्ययन और यज्ञ के महत्व को रेखांकित
किया।
कार्यक्रम
के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित
की गईं। अंत में नगराधीश रेणुका नांदल और जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राकेश गौतम
ने वक्ताओं का सम्मान किया। विभिन्न सामाजिक संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। मंच का कुशल संचालन डॉ. सुभाष सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम
में रैडक्रॉस सोसायटी के पूर्व सचिव सुभाष वशिष्ठ, पार्षद बबली, भगवती राजपाल, अंजू
राजौरा, इनर व्हील क्लब की प्रधान अनीता मदान, डॉ. कमलेश मलिक, समाजसेवी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना