केंद्र सरकार 120 गंतव्यों को जोड़ने के लिए संशोधित ‘उड़ान’ योजना शुरू करेगी : सीतारमण 

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में रिकॉर्ड 8वां केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। उन्हाेंने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार अगले 10 साल में चार करोड़ अतिरिक्त यात्रियों की मदद के लिए 120 गंतव्यों को जोड़ने के लिए संशोधित उड़े देश का आम नागरिक ‘उड़ान’ योजना को शुरू करेगी। हालांकि केंद्रीय बजट में नागर विमानन मंत्रालय के लिए 2,400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव ‘उड़ान’ के लिए आवंटित किया गया है।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि सरकार बिहार की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में नए हवाई अड्डों की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में नागर विमानन मंत्रालय के लिए आवंटन लगभग 10 फीसदी घटाकर 2,400.31 करोड़ रुपये कर दिया है। वहीं, क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के लिए भी आवंटन घटाकर 540 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में आवंटन 2024-25 के संशोधित बजट 2,658.68 करोड़ रुपये की तुलना में कम है।

एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल बजट आवंटन में से ‘उड़ान’ को 540 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले वित्‍त वर्ष के 800 करोड़ रुपये के बजट आवंटन की तुलना में 32 फीसदी कम है। यह दिलचस्प है कि सीतारमण ने ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना को संशोधित कर 120 नए गंतव्यों को जोड़ने का ऐलान किया।

वित्‍त मंत्री के संसद में पेश बजट दस्तावेजों के अनुसार वित्‍त वर्ष 2025-26 के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के लिए आवंटन मामूली रूप से बढ़ाकर क्रमशः 330 करोड़ रुपये और 95 करोड़ रुपये किया गया है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को चालू वित्त वर्ष के 1,017.67 करोड़ रुपये की तुलना में थोड़ा अधिक 1,025.51 करोड़ रुपये का आवंटन मिलेगा।

केंद्रीय बजट 2025-26 दस्तावेजों के अनुसार उड़ान योजना के लिए आवंटन हवाई अड्डों के पुनरुद्धार और आरसीएस मार्गों की शुरुआत, पूर्वोत्तर से कनेक्टिविटी के लिए व्यवहार्यता अंतर को पाटने के लिए है। इसमें कहा गया, “पूर्वोत्तर क्षेत्र में संपर्क में सुधार के लिए हवाई संपर्क और विमानन बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए एक नई योजना भी तैयार की गई है।” उल्‍लेखनीय है कि भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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