एचपीशिवा परियोजना से जोल गांव में आई अमरूद की बहार
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- Feb 02, 2025
एक हेक्टेयर भूमि पर लगे हैं लगभग 1750 पौधे, शुरुआती दौर में ही होने लगी बंपर पैदावार
हमीरपुर, 02 फरवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फलदार पौधों के बागीचे विकसित करके इन क्षेत्रों को बागवानी में भी अग्रणी बनाने के लिए आरंभ की गई प्रदेश सरकार की एचपीशिवा परियोजना के शुरुआती चरण में ही अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। उद्यान विभाग ने इस परियोजना के माध्यम से विकसित किए गए कई क्लस्टरों के बागीचों में इस बार अमरूद की अच्छी पैदावार हुई है।
भोरंज उपमंडल के बडैहर के पास जोल गांव में भी 10 किसानों की लगभग एक हेक्टेयर भूमि पर एचपीशिवा परियोजना के तहत लगाए गए बागीचे में इस बार लगभग 60 क्विंटल अमरूद की पैदावार हुई है।
जोल के प्रगतिशील बागवान कमलजीत सिंह और ध्यान सिंह ने बताया कि गांव में लगाए गए लगभग 1750 पौधों से शुरुआती दौर में ही अच्छी पैदावार मिलने लगी है। कमलजीत सिंह ने बताया कि क्लस्टर के अधीन उनकी अपनी लगभग 6 कनाल जमीन पर अमरूद के 200 पौधे लगाए गए हैं। इसी प्रकार ध्यान सिंह की जमीन पर भी लगभग 500 पौधे लहलहा रहे हैं।
कमलजीत सिंह ने बताया कि वह पहले प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते थे। इसके साथ ही वह अपनी पुश्तैनी जमीन पर धान, मक्की और गेहूं की खेती करते थे। मौसम की बेरुखी और बेसहारा पशुओं की समस्या के कारण उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन से कोई आय नहीं हो रही थी।
उधर, ध्यान सिंह बताते हैं कि वह और अन्य गांववासी भी धान, मक्की और गेहूं की ही खेती करते थे। लेकिन, इनकी खेती घाटे का सौदा ही साबित हो रही थी और गांव के किसान, विशेषकर युवा पीढ़ी खेती से विमुख हो रहे थे। इसी बीच, उद्यान विभाग के अधिकारियों ने गांववासियों को एचपीशिवा परियोजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया
तथा अमरूद के बागीचे विकसित करने के लिए अपनी जमीन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।
उद्यान विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से गांव के लगभग 10 किसानों ने करीब एक हेक्टेयर पर बागीचा लगवाने का निर्णय लिया। जमीन को बागीचे के लिए तैयार करने से लेकर पौधारोपण, सोलर बाड़बंदी और आधुनिक ड्रिप सिंचाई प्रणाली इत्यादि का पूरा प्रबंध एचपीशिवा परियोजना के माध्यम से ही किया गया।
देखते ही देखते बागीचे में अमरूद के पौधे लहलहाने लगे और इस बार शुरुआती दौर में ही लगभग 60 क्विंटल की पैदावार हुई है तथा किसानों-बागवानों को अच्छी आय हुई है। इन उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गांव की लगभग 4 हेक्टेयर और जमीन पर भी पौधारोपण लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इस प्रकार एचपीशिवा परियोजना से गांव जोल में अमरूद की बहार आ गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला