हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में पश्चिम बंगाल के योगदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

कोलकाता, 07 मार्च (हि.स.)। विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन के हिंदी विभाग, आईक्यूएसी और विद्यासागर मेट्रोपॉलिटन कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में 'हिंदी भाषा एवं साहित्य के विकास में पश्चिम बंगाल का योगदान' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में कलकत्ता विश्वविद्यालय हिंदी विभाग की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल हिंदी अकादमी की वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर डॉ. राजश्री शुक्ला उपस्थित रहीं। साथ ही शुभ शारदा कॉलेज, बीकानेर के पूर्व प्रोफेसर, भारतीय विद्या मंदिर के निदेशक एवं वैचारिकी पत्रिका के संपादक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बाबूलाल शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुई। इसके बाद कॉलेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन की प्राचार्या डॉ. सुतपा रॉय ने स्वागत वक्तव्य में सभी अतिथियों, शोधार्थियों, शिक्षकगण और विद्यार्थियों का अभिनंदन किया। इसके बाद मेट्रोपॉलिटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अर्घ्य सरकार ने आयोजन की सफलता के लिए आयोजकों और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। वहीं आईक्यूएसी की ओर से वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. मौली घोष ने कार्यक्रम के लिए शुभकामना संदेश दिया।

मुख्य वक्तव्य से पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए पश्चिम बंगाल और हिंदी भाषा के गहरे रिश्तों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इतिहास, साहित्य, पत्रकारिता और अकादमिक क्षेत्रों में बंगाल के योगदान की विस्तार से चर्चा की।

प्रोफेसर डॉ. राजश्री शुक्ला ने अपने वक्तव्य में तथ्यों और विश्लेषण के साथ पश्चिम बंगाल की बौद्धिक चेतना को रेखांकित करते हुए हिंदी भाषा के विकास में राज्य के योगदान पर विस्तार से विचार रखे।

अध्यक्षीय भाषण में डॉ. बाबूलाल शर्मा ने हिंदी भाषी क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल की संस्कृति, भाषा, सभ्यता एवं सामाजिक सरोकारों के आपसी संबंधों पर गहन चर्चा की।

कार्यक्रम में कलकत्ता विश्वविद्यालय के शोधार्थियों द्वारा विभिन्न विषयों पर शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए, जिसे उपस्थित श्रोताओं ने सराहा।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सूफिया यासमीन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मो. आसिफ आलम ने प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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