हिमाचल विधानसभा में 17053 करोड़ 78 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पारित
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- Mar 11, 2025

शिमला, 11 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 17053 करोड़ 78 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पारित कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में अनुपूरक बजट की पहली और अंतिम किस्त पेश की जिसे सदन ने बिना चर्चा के ही ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही सदन ने हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 को भी मंजूरी दे दी। अब सरकार को इस बजट राशि को विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों पर खर्च करने की अनुमति मिल गई है। यानी वितीय वर्ष 2024-25 का बजट 17053 करोड़ 78 लाख बढ़ गया है जो 58444 करोड़ रुपये पारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 फरवरी 2024 को वितीय वर्ष 2024-25 के लिए 58444 करोड़ का बजट पेश किया था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन को बताया कि 17053 करोड़ 78 लाख रुपये के अनुपूरक बजट में से 15776 करोड़ 19 लाख रुपये राज्य योजनाओं के लिए और 1277 करोड़ 59 लाख रुपये केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रावधानित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से वेज एंड मींस, ओवरड्राफ्ट, विकास योजनाओं, आपदा राहत, विद्युत उत्पादन, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए खर्च किया जाएगा।
राज्य योजनाओं के लिए 15776 करोड़ 19 लाख रुपये
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य योजनाओं के तहत 10137 करोड़ 7 लाख रुपये वेज एंड मींस और ओवरड्राफ्ट के लिए प्रावधानित किए गए हैं। इसके अलावा, 1033 करोड़ 63 लाख रुपये विद्युत उत्पादन, क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों की मरम्मत और विभिन्न विद्युत कंपनियों को ऋण के लिए आवंटित किए गए हैं।
814 करोड़ 94 लाख रुपये हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को यात्रियों को दी जाने वाली किराया छूट और ई-बसों की खरीद के लिए आवंटित किए गए हैं। पेंशन और सेवानिवृत्त लाभ के लिए 763 करोड़ 26 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए भी बड़ी राशि प्रस्तावित की गई है। मेडिकल कॉलेजों के निर्माण, मशीनरी की खरीद और हिम केयर योजना के लिए 455 करोड़ 91 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। जलापूर्ति और मल निकासी योजनाओं के लिए 329 करोड़ 44 लाख रुपये, प्राकृतिक आपदा राहत के लिए 303 करोड़ 67 लाख रुपये, और पर्यटन विकास के लिए 173 करोड़ 25 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त पाठशाला भवनों की मरम्मत, नए स्कूलों और कॉलेजों के भवन निर्माण, इंडोर ऑडिटोरियम और फार्मेसी कॉलेज सिराज के लंबित दायित्वों के भुगतान के लिए 150 करोड़ 19 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 135 करोड़ 88 लाख रुपये, कामकाजी महिला हॉस्टल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए 130 करोड़ 16 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, राज्य अतिथि गृह निर्माण और विभिन्न भवनों के रखरखाव के लिए 127 करोड़ 77 लाख रुपये, रेल परियोजनाओं के लिए 124 करोड़ 50 लाख रुपये, मनरेगा मजदूरी भुगतान के लिए 120 करोड़ 72 लाख रुपये और बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क एवं हिमस्वां कनेक्टिविटी के लिए 88 करोड़ 97 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 1277 करोड़ 59 लाख रुपये
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत 296 करोड़ 56 लाख रुपये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए, 207 करोड़ 71 लाख रुपये राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से प्राप्त राशि के लिए और 207 करोड़ 23 लाख रुपये रेणुकाजी बांध विस्थापितों को मुआवजे के लिए आवंटित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 90 करोड़ 28 लाख रुपये, मनरेगा के लिए 53 करोड़ 39 लाख रुपये, अमृत योजना के लिए 51 करोड़ 74 लाख रुपये, प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया के लिए 43 करोड़ 25 लाख रुपये, और बीपीएल परिवारों के लिए गेहूं और चावल पर अनुदान के लिए 42 करोड़ 71 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए 38 करोड़ 62 लाख रुपये, विशेष पोषाहार कार्यक्रम के लिए 35 करोड़ 23 लाख रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 22 करोड़ 29 लाख रुपये और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 18 करोड़ 88 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन से अनुरोध किया कि अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित किया जाए। सदन ने ध्वनिमत से इस अनुपूरक बजट और विनियोग विधेयक को पारित कर दिया। इसके साथ ही अब राज्य सरकार को 17053 करोड़ 78 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि खर्च करने की अनुमति मिल गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा