आईआरएफसी अब रेलवे के बुनियादी ढांचा विकास और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : मनोज दुबे

नई दिल्ली, 5 मार्च (हि.स.)। केंद्र सरकार से हाल ही में नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने वाली भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज कुमार दुबे ने बुधवार को कहा कि आईआरएफसी अब भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए संसाधन जुटाने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

आईआरएफसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज कुमार दुबे ने यहां एक प्रेस मीट में कहा कि नवरत्न का दर्जा प्राप्त करना आईआरएफसी की वित्तीय शक्ति और भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे को समर्थन देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह मान्यता हमें अपनी क्षमताओं का और अधिक विस्तार करने और राष्ट्र के विकास में अधिक सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।

सीएमडी ने कहा कि हम पूंजी-गहन रेलवे परियोजनाओं के लिए सबसे किफायती वित्तीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संपूर्ण रेलवे इकोसिस्टम पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में वृद्धि के दौर से गुजर रहा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी की माल और यात्री आवाजाही की मांग को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत अमृतकाल में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, आईआरएफसी बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए संसाधन जुटाने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि रेलवे परिसंपत्तियों के वित्तपोषण से आगे बढ़ते हुए आईआरएफसी अब उन क्षेत्रों में भी निवेश के अवसर तलाश रहा है, जो रेलवे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। इसमें बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन, खनन, ईंधन, कोयला, वेयरहाउसिंग, टेलीकॉम, होटल एवं कैटरिंग आदि शामिल हैं। कंपनी ने एनटीपीसी के लिए 20 बीओबीआर रेक्स की 700 करोड़ रुपये की फंडिंग का समझौता किया है और हाल ही में एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी, पत्रतु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) को 3,190 करोड़ रुपये के ऋण की फंडिंग के लिए सबसे कम बोलीदाता घोषित किया गया है। इसके अलावा, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी जीईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी आरईएल) ने अपने अनुरोध प्रस्ताव के तहत रुपये टर्म लोन (आरटीएल) के लिए 7,500 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए आईआरएफसी की बोली स्वीकार की है। आईआरएफसी भारतीय रेलवे के रोलिंग स्टॉक, कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों, रेलवे की नवीकरणीय ऊर्जा आवश्यकताओं, मेट्रो रेल परियोजनाओं, बंदरगाह रेल कनेक्टिविटी और पीपीपीपरियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रही है।

मनोज दुबे ने कहा कि 31 मार्च 2024 तक, आईआरएफसी का कुल रेवेन्यू 26,600 करोड़ रुपये से अधिक और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (पीएटी) 6,400 करोड़ रुपये से अधिक है, जिससे यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी एनबीएफसी बन गया है। आईआरएफसी ने भारतीय रेलवे के लगभग 80 प्रतिशत रोलिंग स्टॉक के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह पहला सीपीएसई था, जिसने विदेशी बाजारों में 30-वर्षीय बॉन्ड जारी किया। 31 दिसंबर 2024 तक, आईआरएफसी का बाजार पूंजीकरण 2,00,000 करोड़ रुपये से अधिक है, 4.61 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधनाधीन संपत्ति (एयूएम), लगभग 52,000 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति और 4.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बैलेंस शीट है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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