हिसार : संस्कृत के बिना संस्कारों की कल्पना भी संभव नहीं : कुलदीप जांगड़ा

गुरुकुल आर्यनगर में संस्कृत भारती के भाषा प्रबोधन वर्ग में पहुंचे ​अतिथि

हिसार, 12 जनवरी (हि.स.)। पानीपत रोडवेज के महाप्रबंधक कुलदीप जांगड़ा का कहना

है कि संस्कृत के बिना बिना संस्कारों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भारतीय संस्कृति

को बचाए रखना है तो संस्कृत का संरक्षण बहुत जरूरी है।

कुलदीप जांगड़ा रविवार को गुरुकुल आर्यनगर में जारी संस्कृत भारती के दस दिवसीय

भाषा प्रबोधन वर्ग में चर्चा सत्र को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता वर्गाधिकारी दलीप

सिंह मिरकां ने की। उद्घाटन सत्र में दुख निवारण संस्थान संचालक डॉ. अशोक कुमार वर्मा

मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में संस्कृत की महत्ता सर्वोत्तम

है। प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों के ज्ञान लाभ के लिए संस्कृत को अपनाना होगा। तभी हम

इन ग्रंथों का पूर्ण लाभ प्राप्त कर पाएंगे।

विभाग सह संयोजक सुशील शास्त्री ने बताया कि शिविर में 70 से अधिक छात्र पहुंचे

है। दस दिन तक यहां पूर्णतया संस्कृत वातावरण रहेगा। इस तरह के वर्ग से संस्कृत भारती

संस्कृत संभाषण में दक्ष बनाने का कार्य करती है।

इस अवसर पर वर्गाधिकारी दलीप सिंह, संस्कृत भारती के प्रांत सह मंत्री भूपेंद्र

शास्त्री, कोष प्रमुख डा. सुरेश कुमार, गीता केंद्र प्रमुख जयपाल शास्त्री, विभाग संयोजक

डॉ.शैलेंद्र सिंह, विभाग सह संयोजक सुशील शास्त्री, जिला मंत्री राजकुमार, शिक्षण प्रमुख

देवांश कृष्ण, प्राचार्य सुरेश कुमार, पवन शास्त्री, डॉ. नितेश शास्त्री, सुनील फतेहाबाद,

रजनी, सोमा, सुलेंद्र डीपी, डॉ. राजबीर, संदीप ढाका, डॉ.मंजू रानी, अमृत टांक व आशीष

जांगड़ा आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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