राजस्व वादों के निस्तारण में जौनपुर ने फिर मारी बाजी, प्रदेशभर में हासिल किया पहला स्थान

- बोर्ड ऑफ रेवन्यू की फरवरी माह की रिपोर्ट में टॉन टेन में कुशीनगर, झांसी और लखीमपुर खीरी ने बनाई जगह

लखनऊ, 03 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनिटरिंग का असर साफ नजर आ रहा है। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गयी है।

बोर्ड ऑफ रेवन्यू की फरवरी माह की जारी रिपोर्ट में एक बार फिर पूरे प्रदेश में जौनपुर जिले ने मामलों के निस्तारण में बाजी मारी है। दूसरे स्थान पर बलिया और तीसरे स्थान पर गाजीपुर है। वहीं, टॉप टेन की बात करें तो कुशीनगर, झांसी और लखीमपुर खीरी ने अपनी जगह बनायी है। पिछले पांच माह से राजस्व वादों के निस्तारण में जौनपुर शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।

जौनपुर के डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के पांच राजस्व न्यायालयों ने मानक से अधिक 428 मामलों का निस्तारण किया है। इसका प्रतिशत 171.20 है। डीएम ने बताया कि जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 60 मामलों का निस्तारण कर 200 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की।

इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 110 मामलों का निस्तारण कर 220 प्रतिशत का प्रदर्शन किया। वहीं, अपर जिलाधिकारी भू राजस्व न्यायालय ने निर्धारित 50 के मानक के सापेक्ष 168 मामलों का निस्तारण कर 336 प्रतिशत का प्रदर्शन किया। इसी के साथ जौनपुर पिछले पांच माह से राजस्व वादों के निस्तारण में जौनपुर शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।

लखीमपुर खीरी ने 234 मामलों का निपटारा कर टॉप टेन में जगह बनायी है। वहीं,बलिया के तीन न्यायालयों ने 130 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण किया, जिसका रेश्यो 112.31 प्रतिशत है। इसी के साथ बलिया ने दूसरा स्थान हासिल किया है। गाजीपुर के चार न्यायालयों ने 190 के मानक के मुकाबले 209 मामलों का निस्तारण कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसका रेश्यो 110 प्रतिशत है।

इसी तरह बोर्ड ऑफ रेवन्यू के मानक के अनुसार राजस्व वादों के मामलों के निस्तारण में कुशीनगर, झांसी, लखीमपुर खीरी, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, एटा और मऊ ने टॉप टेन में अपनी जगह बनायी है। इनमें कुशीनगर ने 248, झांसी ने 288, लखीमपुर खीरी ने 234, अंबेडकरनगर ने 186, श्रावस्ती ने 59, एटा ने 127 और मऊ ने 156 मामलों का निस्तारण फरवरी माह में किया है।

लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि राजस्व परिषद के निर्धारित निस्तारण मानक 300 मामलों के सापेक्ष 234 मामलों का निस्तारण किया गया है। इसी के साथ खीरी निस्तारण के मामले में प्रदेश भर में छठें स्थान पर है। प्रदेश में सबसे बड़ा जिला होने की वजह से सबसे अधिक राजस्व के मामले आते हैं।

सरकार की मंशा के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट के बाद सभी अधिकारियों के साथ बैठक की गयी, जिसमें उन्हें मामलों के निस्तारण में और तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

सम्बंधित खबर