लोकसभाः भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने किया ट्रेनों में कुल्हड़ में चाय मुहैया कराने की मांग

नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अनिल फिरोजिया ने आज ट्रेनों में डिस्पोजल प्लास्टिक कप में चाय परोसने को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए कुल्हड़ में चाय दिये जाने की मांग की। इसके अलावा शून्यकाल के दौरान कुछ अन्य सदस्यों ने भी अलग-अलग मामले उठाये।

अनिल फिरोजिया ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए ट्रेनों में कुल्हड़ में चाय उपलब्ध कराने का सरकार से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब चाय डिस्पोजल प्लास्टिक के गिलास में दी जाती है, जो ठीक नहीं है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ट्रेनों में चाय फिर से कुल्हड़ में देने की व्यवस्था शुरू की जाये, ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे और कुल्हड़ बनाने वालों का कारोबार अच्छा चल सके। उन्होंने कहा कि कुल्हड़ में चाय परोसने से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक लाभ पहुंचेगा।

मनोज कुमार ने बताया जान को खतराः

बिहार के सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने अपने साथ मारपीट करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अपराधी मेरी और मेरे भाई की हत्या कर सकते हैं। मैं दलित का बेटा हूं, मै गरीब हूं। मेरी रक्षा कीजिए। अपराधियों ने हम पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि उनके भाई काफिले में जा रहे थे, लेकिन एक स्कूल के पास उन पर हमला हुआ तो वह खुद बीच बचाव के लिए गये। इस पर बदमाशों ने उनके साथ भी मारपीट की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जान को खतरा है।

महिला अपराध बढ़ेः

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और राजस्थान में इन घटनाओं में तेजी आई है। कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, इसलिए पुलिस को तुरंत इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।

मछुआरों की आजीविका को खतराः

कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने केरल के मछुआरा समुदाय पर अपतटीय रेत खनन के प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा इससे मछुआरों की आजीविका खतरे में है। उन्होंने कहा, अपतटीय रेत खनन उनके लिए और परेशानी पैदा कर रहा है। केरल के मछुआरे केरल तट से तीन ब्लॉकों से अपतटीय रेत खनन को आगे बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ हड़ताल में भाग लेंगे। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि मछुआरा समुदाय को बचाने के लिए इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।

यूजीसी के नियमों में बदलाव संविधान विरोधीः

तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की टी. सुमति ने यूजीसी के नियमों का मुद्दा उठाया और कहा कि यह मसौदा संविधान विरोधी और संघीय भावना के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि मसौदा नियमों में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए 'सर्च' और 'सेलेक्शन' समिति का मानदंड बदल दिया गया है, जिसमें राज्य के किसी प्रतिनिधि को शामिल करने का प्रस्ताव नहीं है। तृणमूल सांसद ने कहा कि शिक्षा राज्य का विषय है। उन्होंने कहा कि नए मसौदा नियम के अनुसार अब प्रशासन या लोक नीति से जुड़ा कोई भी व्यक्ति कुलपति बन सकता है। द्रमुक सदस्य सुमति ने भी नए मसौदा नियम पर आपत्ति प्रकट की।

चीन की चाल- ब्रह्मपुत्र पर बांध भारत के लिए खतरा

भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने चीन के ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध बनाने का मुद्दा उठाया। सैकिया ने कहा कि इससे भारत खासतौर पर उत्तर पूर्व राज्यों में आपदा का खतरा है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि पड़ोसी देश से बात कर इस परियोजना को रुकवाया जाए। असम के दरांग-उदलगुड़ी से सांसद सैकिया ने कहा कि तिब्बत के जिस क्षेत्र में यह बांध बनना है, वह अरुणाचल प्रदेश के करीब है। इस बांध के बनने से जहां पर्यावरण और स्थानीय जनता प्रभावित होगी, वहीं ब्रह्मपुत्र के प्रवाह पर चीन का नियंत्रण हो जाएगा। उत्तर पूर्व भारत में पानी की कमी या बाढ़ का संकट पैदा हो जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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