शस्त्र और शास्त्र के महान ज्ञाता थे भगवान परशुराम : शशांक मणि

देवरिया, 30 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के तत्वाधान में भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर आज विचार गोष्ठी का आयोजन आज किया गया ।

गोष्ठी के मुख्य अतिथि सदर सांसद शशांक मणि ने भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के ब्राह्मण योद्धा अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। उनकी जयंती प्रार्थनाओं, धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि महाभारत और विष्णु पुराण के अनुसार परशुराम का मूल नाम राम था। किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए।

उन्होंने कहा कि सहस्रार्जुन ने परशुराम के पिता जमदग्नि के आश्रम में एक कपिला कामधेनु गाय को देखा और उसे पाने की लालसा से वह कामधेनु को बलपूर्वक आश्रम से ले गया। जब परशुराम को यह बात पता चली तो उन्होंने पिता के सम्मान के खातिर कामधेनु वापस लाने की सोची और सहस्रार्जुन से उन्होंने युद्ध किया।

उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम शस्त्र और शास्त्र के महान ज्ञाता थे तथा अन्याय के खिलाफ उन्होंने सदैव हथियार उठाया । उन्होंने कहा कि ब्राह्मण सर्व समाज का पथ प्रदर्शक होता है तथा अपने ज्ञान के बल पर समाज को नई दिशा दिखाने का कार्य करता है। इसलिए भगवान परशुराम के आदर्शो को हमें आत्मसात करना चाहिए और उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन पंकज शुक्ला ने किया। इस दौरान सुनील पांडे, किसान मोर्चा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी संजय तिवारी, सनत कुमार पांडे, जिला मीडिया प्रभारी प्रभाकर तिवारी, अजय तिवारी, अर्चना पांडे, मारकंडे पति तिवारी, जयप्रकाश त्रिपाठी, अनिल त्रिपाठी, पंकज शुक्ला, विपिन दुबे, दुर्गेश तिवारी, मारकंडे मिश्रा आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / ज्योति पाठक

   

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