सरकार ने जम्मू-कश्मीर की अवामी एक्शन कमेटी, जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन पर लगाया 5 साल का प्रतिबंध
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- Mar 11, 2025

नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की आवामी एक्शन कमेटी (एएसी) और जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना में कहा कि उमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत विरोधी प्रचार में शामिल रहे हैं। यह संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में भी लिप्त है जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
मंत्रालय ने एएसी और उसके नेताओं के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें राजद्रोह, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना और हिंसा भड़काने के आरोप शामिल हैं। उमर फारूक और एएसी के अन्य सदस्यों के खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ भाषण देने, चुनाव बहिष्कार को बढ़ावा देने और विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में श्रीनगर के नौहट्टा, सफाकदल और कोठीबाग सहित विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज किए गए हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी एएसी के प्रवक्ता आफताब अहमद शाह और अन्य के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए आरोप पत्र दायर किया है। सरकार का मानना है कि अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो एएसी उग्रवाद को समर्थन देना, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करना और जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देना जारी रखेगी।
एक अलग अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि मसरूर अब्बास अंसारी की अगुआई वाली जेकेआईएम गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है। इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत विरोधी प्रचार में शामिल रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि अगर जेकेआईएम की गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देना, जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को चुनौती देना और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करना जारी रखेगा। इन चिंताओं का हवाला देते हुए सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3 के तहत संगठन पर तत्काल प्रभाव से पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। अधिसूचनाओं के अनुसार, उपलब्ध सभी तथ्यों पर विचार करते हुए गृह मंत्रालय ने दोनों समूहों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए गैरकानूनी घोषित कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार