हिमाचल विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को नशा मुक्ति शपथ पत्र भरना अनिवार्य

शिमला, 06 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों को अब नशा न करने का शपथ पत्र भरना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन अभिभावकों को भी पत्र या ई-मेल के माध्यम से जागरूक करेगा। यह निर्णय मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कोर्ट की 35वीं बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल ने की। बैठक में राज्यपाल ने वर्ष 2021-22 तथा 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट को अनुमोदित किया तथा वर्ष 2018-19 का वार्षिक लेखा को भी अनुमोदित किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विकास और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर विस्तृत चर्चा की।

राज्यपाल ने कहा कि नशाखोरी एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिए कॉलेज स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को पुनर्प्रतिष्ठित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया और कहा कि शिक्षण संस्थानों को केवल डिग्री प्रदान करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए आदर्श नागरिक तैयार करने चाहिए।

सदस्यों की अनुपस्थिति पर जताई नाराजगी

राज्यपाल ने बैठक के दौरान विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्यों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि अनुपस्थित सदस्यों को इस बारे में अवगत कराया जाए। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय कोर्ट का मुख्य दायित्व संस्थान की नीतियों और कार्यक्रमों को समय-समय पर निर्धारित करना है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

बैठक में राज्यपाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नैतिक मूल्यों, नशामुक्त हिमाचल, रोजगारपरक शिक्षा, उद्यमिता, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल शिक्षा, अनुसंधान और खेल-कूद जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए कि वार्षिक रिपोर्ट और वार्षिक लेखा समय पर प्रस्तुत किए जाएं।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में करीब 8,000 कैंपस आधारित विद्यार्थी और 1,300 पीएचडी छात्र अध्ययनरत हैं। विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्रोतों से लगभग 123 करोड़ रुपये के संसाधन जुटाए हैं और अनुसंधान व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्यापक कार्य किए जा रहे हैं।

बैठक में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और विधायक सुरेश कुमार ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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