डोगरा विरासत को कमजोर करने के लिए विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने भाजपा की आलोचना की
- Admin Admin
- Mar 06, 2025

जम्मू, 06 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के दौरान सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य और कुलगाम के विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए नौकरी और भूमि अधिकारों की बहाली की मांग की जैसा कि मूल रूप से महाराजा हरि सिंह ने गारंटी दी थी।
तारिगामी ने मांग की कि क्षेत्र को उसकी मूल संवैधानिक स्थिति में बहाल किया जाए और इसके लोगों के मूल हितों की रक्षा करने की जाए।
चर्चा उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हुई जहां तारिगामी ने 13 जुलाई, 1931 के शहीदों के बारे में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) सुनील शर्मा द्वारा की गई टिप्पणियों का जोरदार खंडन किया। तारिगामी ने वरिष्ठ भाजपा सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वरिष्ठ सहयोगियों ने ऐसे शब्द कहे हैं। इतिहास जानना बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है। तारिगामी ने कहा कि अमृतसर की संधि के बाद 1846 में डोगरा राज्य का उदय हुआ। उन्होंने बताया कि कश्मीर जिसका 5,000 साल पुराना इतिहास है अंग्रेजों द्वारा बेचा गया, वही औपनिवेशिक शक्ति जिसके खिलाफ भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ाई लड़ी थी। माकपा नेता ने डोगरा शासकों की विरासत और जोरावर सिंह जैसे ऐतिहासिक शख्सियतों के संघर्षों को कमतर आंकने के लिए भाजपा की भी आलोचना की। उन्होंने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हुए पूछा किस वजह से ऐसा हुआ
उन्होंने कहा कि स्थानीय चरवाहों खानाबदोशों और बुंगस घाटी के अन्य निवासियों की आजीविका की रक्षा के लिए सरकार ने आस-पास के क्षेत्रों में पेइंग गेस्ट हाउसों का पंजीकरण शुरू किया है जो न केवल स्थानीय परिवारों को आर्थिक बढ़ावा देता है बल्कि क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति परंपराओं और व्यंजनों को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी मदद करता है। मंत्री ने बताया कि अब तक बुंगस घाटी के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन विभाग के साथ 19 पेइंग गेस्ट हाउस पंजीकृत किए गए हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता