उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का ऐतिहासिक समापन, पदकों की झड़ी से बढ़ा गौरव

देहरादून, 14 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक संपन्न हो गए। इस आयोजन ने व्यवस्थाओं, कार्यक्रमों और खेल अधोसंरचना के मामले में एक नई मिसाल कायम की। इस बार के राष्ट्रीय खेल पर्यावरण हितैषी कदमों, खिलाड़ियों की सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के कारण खास चर्चा में रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस आयोजन के बाद उत्तराखंड खेल के क्षेत्र में और मजबूत होकर उभरा है। राज्य की पदक तालिका में जबरदस्त सुधार हुआ है। पहले जहां पदकों की संख्या 10 से 19 के बीच रहती थी, वहीं इस बार उत्तराखंड ने 103 पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इनमें 24 स्वर्ण पदक शामिल हैं। राज्य ने पदक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त कर पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया।

छोटे राज्य ने दिखाया दम:

उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला। सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उत्तराखंड को राज्य बने सिर्फ 25 वर्ष हुए हैं। जिस पड़ोसी पर्वतीय राज्य हिमाचल के मॉडल को अपनाने की अक्सर बातें होती हैं, उसे राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कभी नहीं मिली। मणिपुर और असम के बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल कराने वाला तीसरा हिमालयी राज्य बन गया है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ राज्य का दर्जा हासिल करने वाले झारखंड ने वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेल कराए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ मेजबानी मिलने के बावजूद इसका आयोजन नहीं करा पाया था। उत्तराखंड ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार किया। अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए। इस वजह से कई रिकार्ड भी टूटे। दस हजार खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल:

राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल रही। ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई कदम उठाए गए। रायपुर में 2.77 हेक्टेयर जमीन पर खेल वन तैयार किया गया, जहां पर पदक विजेताओं के नाम के 1600 पौधे लगाए जा रहे हैं। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक हों या मेहमानों के लिए आमंत्रण पत्र, सभी ई-वेस्ट से तैयार कराए गए। शुभंकर राज्य पक्षी मोनाल को बनाया गया। हरित जागरूकता के लिए स्पोर्ट्स वेस्ट मटीरियल के प्रतीक चिह्न आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए। आयोजन स्थल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवाजाही के लिए ई-रिक्शे, साइकिल प्रयोग किए गए। इसके अलावा, सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाटर बॉटल की व्यवस्था की गई। हरित पहल से इतर महिला स्वास्थ्य का संदेश देने के लिए महिला खिलाड़ियों को वैलकम किट में सेनेटरी नैपकीन व अन्य जरूरी सामान दिए गए। तीन बार इस्तेमाल किए जा चुके 250 लीटर तेल को बायो डीजल बनाने के लिए भेजा गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को हमने पहले ही दिन से अपने लिए बड़ी उपलब्धि माना। इस आयोजन को भव्य रूप देने के लिए पूरे प्रयास किए गए। आधारभूत ढांचा तैयार किया गया और उच्चस्तरीय सुविधाएं जुटाई गईं। मुख्यममंत्री ने कहा कि मैं सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देता हूं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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