गोविंद देव जी मंदिर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ  का आयाेजन

गोविंद देव जी मंदिर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ  का आयाेजन

जयपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। घर-घर गायत्री मंत्र और यज्ञ का संदेश पहुंचाने के लिए रविवार को आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में सुबह नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में महायज्ञ का शुभारंभ मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने दीप प्रज्वलित कर किया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणि शंकर चौधरी के निर्देशन में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार की टोली के सदस्य गायत्री प्रसाद, दिनेश आचार्य और दिनेश भारद्वाज ने संपन्न कराया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी और विभिन्न चेतना केन्द्रों के गायत्री परिजनों ने श्रम दान किया। ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने मुख्य यजमान के रूप में वेद माता गायत्री, गोविंद देव जी और गुरु सत्ता का पूजन कर यज्ञ में आहुतियां अर्पित की। गायत्री महामंत्र महामृत्युंजय मंत्र के अलावा भगवान कृष्ण और राधा गायत्री मंत्र से विशेष आहुतियां दीं गई।। प्रारंभ में गुरु वंदना की गई । होगा। प्रज्ञा गीतों की स्वर लहरियों पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे । व्यास पीठ से यज्ञ के ज्ञान और विज्ञान पर प्रकाश डालते हुए दिनेश आचार्य ने कहा कि यज्ञ से देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है और मनचाहा फल भी मिलता है। यज्ञ में अग्नि पवित्र होती है और जहां यज्ञ होता है। वहां का वातावरण पवित्र और देवमय बन जाता है।

यज्ञ में स्वाहा कहकर देवताओं को भोजन परोसने से दुख-दारिद्रय और कष्टों से छुटकारा मिलता है। यज्ञ सामूहिकता का प्रतीक है। यज्ञ आयोजनों से सामूहिकता, सहकारिता, और एकता की भावनाएं विकसित होती हैं। यज्ञ में आत्मिक प्रगति के साथ-साथ राष्ट्र की प्रगति भी निहित है। यज्ञ से आस-पास के वातावरण का भी शोधन होता है, जिससे कई बीमारियों का शमन होता है।

जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को सुबह आयोजित नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विदेशी जोड़ृने ने भी विधि-विधान के साथ गायत्री महायज्ञ में हिस्सा लेकर उसमें आहूति प्रदान की। इसी के साथ विदेशी जोड़े ने गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए बताया कि गायत्री मंत्र के उच्चारण से मन से शांति मिली। इसी के साथ उन्होने धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने का संकल्प लिया।

प्रयागराज महाकुंभ में प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगा। लाखों की संख्या में संगम तट पर डुबकी लगाएंगे। किसी कारणवश प्रयागराज नहीं पा पाने वाले छोटीकाशी के श्रद्धालु घर बैठे भी त्रिवेणी संगम के जल से कुंभ स्नान का पुण्य कमा सकेंगे। प्रयागराम कुंभ में लगे गोविंद धाम के माध्यम से बड़ी मात्रा में त्रिवेणी संगम का जल जयपुर लाया गया है। रविवार को गोविंद देवजी मंदिर में सुबह मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने गायत्री महायज्ञ के दौरान कुंभ जल घट का पूजन किया गया। 13 जनवरी को राजभोग झांकी में सुबह 11 बजे जल का निशुल्क वितरण किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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