इस्कॉन से प्रेरणा लेकर सरकार देशवासियों के कल्याण के लिए सेवा भाव से काम कर रही : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन की परियोजना श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन किया और संगठन की सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस्कॉन से प्रेरणा लेकर उनकी सरकार देशवासियों के कल्याण के लिए इसी सेवा भावना के साथ निरंतर काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेवा की यह भावना सच्चा सामाजिक न्याय लाती है और सच्ची धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर घर में शौचालय बनाना, उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देना, हर घर में नल का पानी पहुंचाना, हर गरीब व्यक्ति को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देना, 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को यह सुविधा देना और हर बेघर व्यक्ति को पक्का घर देना, ये सभी कार्य इसी सेवा भावना से प्रेरित हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति का आधार सेवा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आध्यात्मिकता में, ईश्वर की सेवा और लोगों की सेवा एक हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति साधकों को समाज से जोड़ती है, करुणा को बढ़ावा देती है और उन्हें सेवा की ओर ले जाती है। श्री कृष्ण के एक श्लोक का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र सेवा की भावना पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि इस्कॉन, एक विशाल संगठन है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण में योगदान करते हुए सेवा की इसी भावना के साथ काम करता है। उन्होंने कहा कि इस्कॉन कुंभ मेले में महत्वपूर्ण सेवा गतिविधियां चला रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक असाधारण और अद्भुत भूमि है, यह भौगोलिक सीमाओं से बंधा हुआ एक टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि जीवंत संस्कृति वाली जीवंत भूमि है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संस्कृति का सार आध्यात्मिकता है और भारत को समझने के लिए सबसे पहले आध्यात्मिकता को अपनाना होगा।

मोदी ने कहा कि दुनिया भर में इस्कॉन के अनुयायी भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति के कारण एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि एक और जोड़ने वाला सूत्र श्रील प्रभुपाद स्वामी की शिक्षाएं हैं, जो भक्तों को चौबीसों घंटे मार्गदर्शन देती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रील प्रभुपाद स्वामी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वेदों, वेदांत और गीता के महत्व को बढ़ावा दिया और भक्ति वेदांत को आम लोगों की चेतना से जोड़ा। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष की आयु में, जब अधिकांश लोग अपने कर्तव्यों को पूरा मानते हैं, श्रील प्रभुपाद स्वामी ने इस्कॉन मिशन शुरू किया और दुनिया भर की यात्रा की, भगवान कृष्ण के संदेश को हर कोने में फैलाया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि श्रील प्रभुपाद स्वामी के सक्रिय प्रयास हमें प्रेरित करते रहते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार कृष्ण सर्किट के माध्यम से देश भर में विभिन्न तीर्थस्थलों और धार्मिक स्थलों को जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह सर्किट गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और ओडिशा तक फैला हुआ है। इन स्थलों को स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मंदिर भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों को प्रदर्शित करते हैं, उनके बाल रूप से लेकर राधा रानी के साथ उनकी पूजा, उनके कर्मयोगी रूप और एक राजा के रूप में उनकी पूजा तक। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका उद्देश्य भगवान कृष्ण के जीवन और मंदिरों से जुड़े विभिन्न स्थलों की यात्रा को आसान बनाना है, जिसके लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इस्कॉन कृष्ण सर्किट से जुड़े इन आस्था केंद्रों तक भक्तों को लाने में सहायता कर सकता है। उन्होंने इस्कॉन से आग्रह किया कि वे अपने केंद्रों से जुड़े सभी भक्तों को भारत में कम से कम पाँच ऐसे स्थानों पर जाने के लिए प्रोत्साहित करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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