बीड़ सरपंच हत्याकांड मामले में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला, मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की

मुंबई, 06 जनवरी (हि.स.)। बीड़ जिले के मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले में सोमवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और राकांपा कोटे के मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे (शिवसेना-यूबीटी), कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार, बीड से राकांपा (एसपी) सांसद बजरंग सोनावने, विधायक संदीप क्षीरसागर, जीतेंद्र आव्हाड, भाजपा विधायक सुरेश धस, ज्योति मेटे, छत्रपति संभाजीराजे आदि शामिल रहे।

छत्रपति संभाजी राजे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को चार मांगों के साथ एक पत्र सौंपा और उन्हें मामले के विवरण और जांच से संबंधित शिकायतों से अवगत कराया। संभाजी राजे ने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बात ध्यानपूर्वक सुना और इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। संभाजीराजे ने कहा कि राज्य सरकार न्याय देने में असमर्थ है, इसलिए राज्यपाल के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, यह दो जातियों के बीच संघर्ष नहीं है, बल्कि बीड में मानवता का क्रूर अपमान है। अगर संतोष देशमुख के परिवार को न्याय नहीं मिलता है, तो महाराष्ट्र में ऐसे अपराध बढ़ेंगे। हमने जांच पूरी होने तक मुंडे के इस्तीफे की मांग की है। शिवसेना (यूबीटी) नेता दानवे ने बताया कि बीड में मानवता की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दानवे ने कहा, राज्य सरकार धनंजय मुंडे को बचा रही है, इसलिए हमने राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की है। एक आईपीएस अधिकारी को जांच का नेतृत्व करना चाहिए और मुंडे को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। राकांपा (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, बीड में संतोष देशमुख की हत्या अपराधियों ने की, जबकि परभणी में सोमनाथ सूर्यवंशी की हत्या पुलिस ने की। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है।

उल्लेखनीय है कि मस्साजोग के सरपंच की हत्या मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है। लेकिन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि एसआईटी में आरोपितों के करीबी अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह सब मंत्री धनंजय मुंडे के इशारे पर किया जा रहा है। इसलिए जब तक धनंजय मुंडे मंत्री पद पर हैं, एसआईटी की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए इस मामले की जांच तक धनंजय मुंडे को मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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