पिंकफेस्ट 2025 का हुआ भव्य आगाज़

पिंकफेस्ट 2025 का हुआ भव्य आगाज़

जयपुर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। पिंकसिटी, जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वैभव को समर्पित कल्चर डिजाइन फेस्टिवल पिंकफेस्ट के चौथे संस्करण की भव्य शुरुआत राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुई। पहले दिन कला, संगीत, साहित्य और संवाद का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसमें देश-विदेश के ख्याति प्राप्त कलाकारों, लेखकों और वक्ताओं ने भाग लिया। मन के रचनात्मक कौने से निकली कल्पनाओं के सौंदर्य को जाहिर करती पेंटिंग्स, कला व संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाले संवाद सत्र, रंगमंच और संगीत की सुगंध से सराबोर करने वाली प्रस्तुतियां ने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।

इस सांस्कृतिक कला कुंभ का भव्य उद्घाटन आरआईसी निदेशक एनसी गोयल, फेस्टिवल मेंटर प्रो. चिन्मय मेहता, फेस्टिवल कन्वीनर भवानी शंकर शर्मा, पिंकफेस्ट के फाउंडर सत्यजीत तालुकदार, नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, एनपी पाढ़ी, संजीव गौतम, भरत गुप्त, प्रताप राव समेत वरिष्ठ कलाकारों ने दीप प्रज्वलित करके किया गया। सैशन 'भारतीय कलाओं में कथनात्मकता' सत्र में प्रो भरत गुप्त ने कहा कि भारतीय कलाओं के आपस में जुड़ाव से ही कला की परंपरा को बचाया जा सकता है। सत्र में नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, लक्ष्मी कृष्णामूर्ति, डॉ तूलिका गुप्ता ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र को स्वाति वशिष्ठ ने मॉडरेट किया। 'रचनात्मक प्रक्रिया की अवधारणा' सत्र में भारतीय कला में रंगों के महत्व पर बात करते हुए आर रामानंद ने कहा रंग जिज्ञासा का स्रोत होते हैं, कलाकार अपने चित्र में रंगों के माध्यम से अपने भाव प्रस्तुत करता है। सत्र में राकेश व्यास, सुदेश शर्मा, प्रोफ संगीत पिल्लै, नीकी चतुर्वेदी आदि गणमान्य उपस्थित रहे।

100 आर्टिस्ट की 400 से अधिक पेंटिंग्स

फेस्ट में प्रसिद्ध कलाकार धर्मेंद्र राठौड़ के क्यूरेशन में इंटरनेशनल लेवल के देश-विदेश के 100 आर्टिस्ट की 400 से अधिक पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही है। इन पेंटिंग्स में राजस्थान की कला, संस्कृति और धरोहरों को बहुत सहजता के साथ संजोया गया है। प्रदर्शनी में ब्राजील, नार्वे, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आदि देशों के ख्यात कलाकारों और रितिक पटेल, अभिषेक शर्मा, सूरज पटेल, श्रीधर अय्यर, मुकेश साल्वी,आरबी गौतम, केआर सुभाना, जयंत पारिख, सुभाष चंद, कुश माली आदि राष्ट्रस्तरीय कलाकारों का हुनर देखने को मिल रहा है।

ऑथर्स कॉर्नर

फेस्ट के पहले दिन बोधि प्रकाशन की दो पुस्तकें लॉन्च की गई। प्रसिद्ध लेखकों, ऑथर और पब्लिशर्स द्वारा पुस्तक के बारें में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। पहले दिन लेखिका मधु सक्सेना की कविता संग्रह 'चुटकी भर' और लेखक मनीष पारीक का काव्य संग्रह 'मिलूंगा तुम्हें' लॉन्च किया गया।

पहले दिन लाइव आर्ट कैंप, कल्चर रैम्प वॉक, थिएटर प्रस्तुतियां, कथक, शास्त्रीय गायन-वादन, लोक संगीत, दादी-नानी की कहानियां और स्टोरी टेलिंग जैसी प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनीं। इसके अलावा, कला प्रदर्शनियों में भारतीय कलात्मक परंपरा की अनूठी छटा देखने को मिली। फेस्ट में डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द गोल्डन लाइट' की फिल्म स्क्रीनिंग की गई इसे फिल्म मेकर जॉय बनर्जी ने बनाया है और यह नयन नवेली गैलरी द्वारा शोकेस ओर प्रेजेंट की गई।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

शाम को रीला होता ने आध्यात्मिक दर्शन पर आधारित अपनी ओडिसी नृत्य प्रस्तुति का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। पहले दिन के अंतिम कार्यक्रम कलम में लोककला एवं थिएटर पर संवाद, कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की गईं।

इस आयोजन में देश की प्रमुख डिजाइन एवं कला संस्थाओं ने भाग लिया, जिनमें विश्व भारती शांतिनिकेतन, रविंद्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता, कोलकाता आर्ट कॉलेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, बड़ौदा कॉलेज ऑफ आर्ट, दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट शामिल थे। इन संस्थानों द्वारा प्रस्तुत की गई कला प्रदर्शनियां मुख्य आकर्षण का केंद्र बनीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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