
पौड़ी गढ़वाल, 19 मार्च (हि.स.)। पौड़ी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने पिंजरें में पकड़े गए गुलदार को जिंदा जलाने के मामले में पाबौ बलाक के सपलोड़ी के तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच ग्रामीणों को 1-1 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पांचो दोषियों पर 3500-3500 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर दोषियों को 15 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
सहायक अभियोजन अधिकारी वर्षा ने बताया कि सपलोड़ी गांव निवासी सुषमा देवी 15 मई 2022 की शाम को हरियालीसैंण के जंगल में काफल लेने गई थी। घर लौटते समय शाम साढ़े छह बजे गुलदार ने सुषमा पर हमला कर दिया था। जिसमें सुषमा की मौत हो गई थी। घटना के बाद से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश था। ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने अगले दिन सपलोड़ी गांव में दो पिंजरें लगाए थे। जिनमें से एक पिंजरें में 24 मई 2022 की सुबह एक गुलदार कैद हो गया था। वन कर्मी गुलदार को लेने के लिए गांव पहुंचे, तो इस दौरान क्षेत्र के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई थी। अनियंत्रित भीड़ ने पिंजरें में कैद गुलदार को जिंदा आग के हवाले कर दिया था।
बताया कि वन दरोगा की तहरीर पर कोतवाली पौड़ी में तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, लोक सेवक के कामकाज में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद अदालत में 20 जुलाई 2023 को आरोप पत्र दाखिल किया था। बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की अदालत ने सपलोड़ी के तत्कालीन ग्राम प्रधान अनिल कुमार नेगी, चोपड़ा निवासी देवेंद्र सिंह व सरणा निवासी सरिता देवी, भुवनेश्वरी देवी व कैलाशी देवी को पिंजरें में कैद गुलदार को जिंदा जलाने का दोषी पाते हुए 1-1 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर 3500-3500 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमार नहीं किए जाने पर दोषियों को 15-15 दिन के अतिरक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / करन सिंह