सोम पुष्य नक्षत्र में हुआ प्रथम पूज्य गणपति का पुष्याभिषेक
- Admin Admin
- Mar 10, 2025

जयपुर, 10 मार्च (हि.स.)। राजधानी जयपुर में सोमवार को सोम पुष्य नक्षत्र पर शहरभर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य भगवान गजानन का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। श्रद्धालुओं द्वारा अष्टोत्तरशत नामावली पाठों से प्रथम पूज्य से सुख-समृद्धि की कामना की गई। इस विशेष अवसर पर शहर के गढगणेश मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, श्वेत सिद्धि विनायक मन्दिर, ध्वाजाधीश गणेश, परकोटे वाले गणेश मन्दिर सहित गणेश विभिन्न मंदिरों में पंचामृत अभिषेक व विशेष श्रंगार सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुए और ध्वजाधीश को नई पोशाक पहनाई गई।
श्री नहर के गणपति का सोम -पुष्य पर हुआ पंचामृत अभिषेक
ब्रह्मपुरी माऊण्ट रोड़ पर स्थित अतिप्राचीन दाहिनीं सूंड़ दक्षिणमुखी श्री नहर के गणेश जी महाराज का सोम -पुष्य के पावन अवसर पर सोमवार को प्रात 11 बजे दूर्वा मार्जन से पंचामृत अभिषेक किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज के दर्शन किए।
मंदिर युवाचार्य पं. मानव शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर मंदिर महंत पं. जय शर्मा ने गणपति का श्री गणपति अथर्वशीर्ष व श्री गणपति
अष्टोत्तरशतनामावली द्वारा दूर्वा मार्जन से पंचामृत अभिषेक किया। तत्पश्चात पंचोपचार पूजन कर ऋग्वेदोक्त गणपति मात्रिका का पठन किया गया। दोपहर डेढ़ बजे से 2 बजे के मध्य 21 वेदोक्त मंत्रों से 21 मोदकों का भोग अर्पित कर प्रभु को शयन करवाया गया, तथा सायंकालीन महाआरती 251 दीपकों की गई। दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को सुखसमृद्धि दायक व विघ्ननिवारक अभिमंत्रित रक्षासूत्र वितरित किए गए ।
सोम -पुष्य नक्षत्र पर गणेश को अर्पित किए मावे के मोदक
चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में सोमवार को पुष्य नक्षत्र पर प्रथम पूज्य का 101 किलो दूध और पंचामृत से अभिषेक कया गया। जिसमें सैकड़ों कि संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रथम पूज्य के समक्ष उपस्थिति दर्ज कराई।
महंत अमित शर्मा ने बताया कि सोमवार को पुष्य नक्षत्र के पावन अवसर पर गणेजी महाराज का पंचामृत से अभिषेक किया गया। जिसके पश्चात गणेजी महाराज को सिंदूर का चोला चढ़ाकर उन्हे नवीन पोशाक धारण कराई गई। जिसके पश्चात गणपति अथर्वशीर्ष और गणपति अष्टोत्तर नामावली के मंत्रों के साथ गणेश जी को मावे के मोदक अर्पित किए गए। भक्तों को लक्ष्मी व गणेश जी स्वरूप हल्दी की गांठ एवं सुपारी का वितरण किया गया । सामूहिक रूप से गणपति अथर्वशीर्ष व अष्टोत्तर नामावली का पाठ कर गणेश जी को दूर्वा अर्पित की गई।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर को पुष्य नक्षत्र पर लगाया विशेष खीर का भोग
सोम पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य गणपति का पुष्याभिषेक किया गया। कहीं दूध से तो कहीं पंचामृत से अभिषेक कर अथर्वशीर्ष मंत्रों के साथ मोदक प्रिय गजानन को मोदक का भोग लगाया गया।मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सुबह भगवान श्री गणेश जी महाराज का 151 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया। जिसके पश्चात गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाब जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया। गंगाजल से शुद्ध स्नान कराकर सिंदूरी चोला और पोशाक धारण कराई गई। राजभोग झांकी में भगवान श्री गणपति सहस्त्रनाम को 1001 मोदक अर्पित किए गए। फूल बंगले में विराजमान कर भगवान के विशेष खीर का भोग लगाया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश