झज्जर : एकता से रहें और राष्ट्र निश्चित ही नई ऊंचाईयां छुएगा: बाला धनखड़

झज्जर, 10 मार्च (हि.स.)। आईपी महिला महाविद्यालय, झज्जर की संस्थापक प्राचार्य डॉ. बाला धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय एकता हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। हम एकता से रहेंगे तो सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएगी और हमारा नई ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने यह बात सोमवार को वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय बहादुरगढ़ में चल रहे रेड क्रॉस शिविर में मैं शामिल विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। वह समझ में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल रही। दो बाला धनखड़ ने कहा कि एकता हमारे देश को मजबूत और सुरक्षित बनाती है। राष्ट्रीय एकता का अर्थ है देश के सभी नागरिकों का एकजुट होकर देश की तरक्की और विकास में योगदान करना। यह हमारे देश की विविधता को एकता में बदलने का एक तरीका है। राष्ट्रीय एकता के लिए हमें अपने मतभेदों को भूलकर एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। हमें अपने देश के प्रति गर्व और समर्पण की भावना को बढ़ावा देना होगा। राष्ट्रीय एकता के माध्यम से हम अपने देश को एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बना सकते हैं।शिविर के दौरान सोमवार को मुफ्त स्वास्थ्य व नेत्र जांच शिविर लगाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि मानव सेवा एक ऐसा कार्य है जो हमें दूसरों की मदद करने और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा कार्य है जो हमें अपने समाज और देश के विकास में योगदान करने का मौका देता है। मानव सेवा के माध्यम से हम गरीबों, बेसहारा, और जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। फर्स्ट एड ट्रेनर कंचन कुमार ने एचआईवी/एड्स के विषय में जागरूक करते हुए बताया कि एचआईवी (मानव इम्यूनो- डिफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम) नामक बीमारी होती है। एड्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कमजोर हो जाती है कि वह संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एचआईवी का संचरण यौन संबंधों, रक्त आधान और मां से बच्चे को गर्भावस्था के दौरान हो सकता है। एचआईवी/एड्स का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए समय पर निदान और उपचार आवश्यक है। एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता और शिक्षा इसके प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।ब्लड बैंक से आए डॉ. राहुल चौधरी ने रक्तदान और अंगदान के विषय में जागरूक करते हुए बताया कि रक्तदान और अंगदान दोनों ही मानवता के लिए एक महान कार्य हैं। रक्तदान से हम किसी जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। इसलिए, हमें रक्तदान और अंगदान के महत्व को समझना चाहिए और इस पवित्र कार्य में योगदान देना चाहिए।शिविर में चौथे दिन सोमवार को प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय, बहादुरगढ़ प्रथम स्थान पर रहा, राजकीय महाविद्यालय, दुबलधन दूसरे स्थान पर व राजकीय महाविद्यालय बहादुरगढ़ तीसरे स्थान पर रहा|

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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