रीट परीक्षा घोटाला : 25 हजार की इनामी अपराधी गिरफ्तार

जोधपुर, 18 नवम्बर (हि.स.)। जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने रीट पेपर घोटाले की एक वांटेड महिला को गिरफ्तार किया है। महिला अपराधी पर 25 हजार का इनाम घोषित हो रखा था। वह रीट परीक्षा 2021 घोटालेे में शामिल होने के साथ वांछित चल रही थी। साइक्लोनर टीम की तरफ से अब तक 56 अपराधियों को पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि मादक द्रव्य तस्करी के किंगपिंग, पेपरलीक घोटाले के सरगनाओं और लम्बे समय से फरार कुख्यात अपराधियों को पकडऩे का सिलसिला जारी है। साइक्लोनर सैल के गठन के आठ महीने में अब तक 56 अपराधी पकड़े जा चुके है।

उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन बेंचवार्मर्स की चौथी सूत्रधार उमराई निवासी इमरती पत्नी रमेश विश्नोई को अब गिरफ्तार किया है। उस पर वर्ष 2021 के रीट परीक्षा घोटाले को लेकर 25 हजार रूपए का इनाम घोषित किया गया था।

होटल पर दबिश देकर पकड़ा :

पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि इमरती पत्नी रमेश विश्वोई के बारे में सूचना मिलने पर उसे रविवार की शाम को बालेसर थाना क्षेत्र के बम्बोर गांव में साईक्लोनर टीम ने एक होटल में दबिश देकर पकड़ा। वह पिछले तीन साल से फरार चली आ रही थी। फर्जी तरीके से अध्यापक की नौकरी पाने का सपना देख रही इमरती फरारी अवधि में दर-दर भटकती खेतों में फसल काटने का काम भी कर रही थी। वह इससे पहले तीन बार दबिश में पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही थी। मगर इस बार वह पुलिस के हाथ लग गई।

पूर्व में पकड़ी गई छम्मी विश्रोई से था संपर्क :

इमरती विश्रोई के बारे में पता लगा कि वह वृन्दावन में पुजारिन बनकर फरारी काट रही पेपर लीक घोटाले की मुख्य सूत्रधार छम्मी विश्नोई से करीबी षड्यन्त्रकारी सम्पर्क में थी। अब तक के अनुसंधान के अनुसार रीट परीक्षा में इमरती के पहले परीक्षा में अभ्यर्थी बनकर बैठने का ठेका छम्मी विश्नोई ने लिया था। छम्मी विश्रोई के पकड़े जाने पर इमरती से बारे सुराग हाथ लगे थे।

इमरती के दस्तावेज लगे हाथ :

रेंज आईजी विकास कुमार के अनुसार वर्ष 2021 में की गयी पुलिस कार्रवाई में मौके से ही इमरती के दस्तावेज व परीक्षा प्रवेश पत्र बरामद हुए थे। परीक्षा प्रवेश पत्र की फोटो में कम्प्यूटर से छेडख़ानी की गई थी। फरारी अवधि में इमरती कल्याणपुर, जोधपुर, बम्बोर तो कभी अन्य रिश्तेदारों के यहां लगातार भागती ही रही। उसे बम्बोर में पिता की होटल व उसके पीछे रिहाइशी ठिकाने पर छुपकर रहना सुरक्षित लगा था।

पूछताछ एवं जानकारी में पता लगा कि इमरती का बम्बोर प्रिय ठिकाना रहा क्योंकि यहां दूर से ही आने वाले को देखकर दौडक़र भाग जाया करती थी। हर बार पुलिस को देखकर पिछवाड़े से खिसक जाया करती थी।

ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस :

साइक्लोनर टीम के सदस्य दो-दो के दल में ग्राहक बनकर होटल में बारी-बारी से पहुंचे तथा ड्राइवरों ने बाहर की घेराबन्दी कर ली तो चालाक इमरती की होशियारी काम न आ सकी ओर वह पुलिस के फंदे में आ गयी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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