विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करें शिक्षक: प्रो. बीआर कम्बोज
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- Feb 06, 2025
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भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया को विज्ञान, तकनीक एवं नवाचार के क्षेत्र में राह दिखाई : प्रो. नरसी राम बिश्नोईहिसार, 6 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि हमें ऐसे भारत की परिकल्पना करनी है जो ज्ञान की दृष्टि से सर्वोपरि हो तथा नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण भी करे। उन्होंने कहा कि विज्ञान से ही यह संभव बनाया जा सकता है। प्रो. बीआर कम्बोज गुरुवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित हुए विज्ञान उत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। गुजविप्रौवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई इस समारोह में मुख्य संरक्षक के तौर पर उपस्थित रहे। प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने की जिम्मेदारी देश के शिक्षकों की है। शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने विद्यार्थियों के सृजनात्मक कौशल की पहचान करें तथा उस कौशल को बढ़ाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि यह उत्सव निश्चित तौर पर विज्ञान व तकनीक को समाज के हर कोने तक पहुंचाने का कार्य करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों के लिए देश के विश्वविद्यालयों को भी आपस में मिलकर कार्य करना होगा। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारत में विज्ञान की समृद्ध परम्परा है। भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया को विज्ञान, तकनीक एवं नवाचार के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही राह दिखाई है। उन्होंने आर्यभट्ट, सीवी रमन, मैरी क्यूरी तथा डा. अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि इन वैज्ञानिकों ने संघर्षों और चुनौतियों का सामना करते हुए विज्ञान की नई खोजों के माध्यम से समाज व राष्ट्र के निर्माण में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है। विज्ञान केवल दुनिया को समझने के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह विकास की नींव है और सामाजिक परिवर्तन की प्रेरक शक्ति भी है। चाहे अक्षय ऊर्जा हो, कृत्रिम बुद्धिमत्ता हो, जैव प्रौद्योगिकी हो या अंतरिक्ष अन्वेषण हो, विज्ञान में असीम संभावनाएं हैं। इस विज्ञान उत्सव ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत के युवा कंधे देश की महान वैज्ञानिक परम्परा को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे, जिसके बल पर हम विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सवों का भविष्य में भी विश्वविद्यालय में आयोजन किया जाता रहेगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विजय कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह विज्ञान उत्सव स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस उत्सव ने युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को समझने के लिए एक महान मंच उपलब्ध करवाया है। एसपीएसटीआई के सचिव प्रो. केया धर्मवीर ने तीन दिवसीय विज्ञान उत्सव की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा इस आयोजन में शानदार सहयोग व व्यवस्था की गई। साइंस उत्सव की नोडल ऑफिसर डीन एफपीएसटी प्रो. सुजाता सांघी ने स्वागत संबोधन किया तथा एसपीएसटीआई के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह (सेवानिवृत आईएएस) ने धन्यवाद किया। विज्ञान उत्सव के तीसरे दिन स्माल साइंस बिग ड्रीम्स विषय पर प्रो. नीरज दिलबागी द्वारा विशेष व्याख्यान दिया गया तथा विज्ञान तथा पर्यावरण संरक्षण विषय पर विश्वविद्यालय की एनएसएस की टीम द्वारा नाटिका का मंचन भी किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर