कानपुर में साइबर ठगों ने राज्यकर अधिकारी से 07.30 लाख रुपये ठगे

कानपुर, 01 फरवरी (हि.स.)। साइबर ठगों ने ई-सिम एक्टिवेट कराने के नाम पर राज्य कर अधिकारी से सात लाख तीस हजार रुपये की ठगी कर ली। शनिवार को एडीसीपी क्राइम अंजली विश्कर्मा ने बताया कि पीड़ित ने मामले को लेकर साइबर थाना क्राइम ब्रांच में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

उन्होंने बताया कि राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) में बतौर उपायुक्त तैनात राजकुमार के मुताबिक चौदह नवंबर 2024 को उनके मोबाइल पर ई-सिम एक्टिवेशन कराने को लेकर एक कॉल आया था। टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी बनकर ठग ने कहा कि यदि सिम एक्टिवेट नहीं कराया तो 24 घण्टे के अंदर सिम बंद हो जाएगा। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजकर ओटीपी मांगा गया। पीड़ित को ठग पर इसलिए भी शक नहीं हुआ क्योंकि उसने व्हाट्सएप प्रोफ़ाइल में टेलीकॉम कंपनी का लोगो लगाया हुआ था। ओटीपी देते ही उनका फोन हैंग करने लगा। एक बार तो देखने से ऐसा लगा कि उनका मोबाइल कोई और चला रहा हो, लेकिन उन्हें लगा कि कोई टेक्निकल समस्या होगी। हालांकि फोन हैंग होकर डेड हो गया।

इस घटना के बाद अगले दो दिन सरकारी छुट्टी होने की वजह से उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। 18 नवंबर को उन्होंने दूसरे नंबर से कस्टमर केयर में कॉल किया तो उनको बताया गया कि उनके सिम में कुछ तकनीकी गड़बड़ी है इसलिए दूसरा सिम जारी करवा लें। जब वह सिम लेने गए तो उन्हें बताया गया कि ओटीपी आएगा लेकिन जिस पर ओटीपी आना था। वो नंबर तो बंद था इसलिए उन्होंने अपने आधार से नया नंबर लिंक कराया इस प्रक्रिया में बीस से पच्चीस दिन लग गए। नंबर जारी होने के बाद जब उन्होंने बैंक खाते की जानकारी जुटाई तो उन्हें जानकारी हुई कि 15 से 17 नवंबर तीन दिनों में उनके खाते से सात लाख तीस हजार रुपये निकाले गए हैं।

मामले को लेकर अपर पुलिस उपायुक्त अपराध अंजली विश्वकर्मा ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जिन खातों में रुपये ट्रांसफर कराए गए हैं उनकी जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने शहरवासियों को सचेत करते हुए कहा कि अनजान कॉल पर किसी भी तरह की जानकारी साझा ना करें।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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