निजी स्वार्थ के कारण संत रविदास के जीवन से सीखना नहीं चाहती सरकारें : मायावती

लखनऊ, 12 फरवरी (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने संत गुरु रविदास की जयंती पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के संतों की परम्परा में जाने-माने संत गुरु रविदास ने अपना सारा जीवन लोगों को इंसान बनाने के लिए इन्सानियत का संदेश देने में गुज़ारा। इस क्रम में ख़ासकर जाति भेद व द्वेष आदि के ख़िलाफ आजीवन कड़ा संघर्ष कर अमर हो गए। उनके पद्चिन्हों पर चलकर ही सुख-शान्ति व खुशहाली संभव है, किन्तु सरकारों द्वारा हर सेवा की कीमत वोट के रूप में वसूलने की प्रवृत्ति घातक व इससे व्यापक जन एवं देशहित प्रभावित है।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संत गुरु रविदास का संदेश धर्म की पवित्रता को समाज सेवा व जनचेतना के लिए इंसान एवं इंसानियत की भलाई के लिए है। किसी स्वार्थ ख़ासकर संकीर्ण राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नहीं है। इसे वर्तमान में खासकर सरकारों द्वारा भुला दिये जाने के कारण ही अमन-चैन, आपसी सौहार्द, भाईचारा तथा सुख-समृद्धि का वातावरण काफी कुछ न के बराबर है। जबकि राजनीतिक स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की हमेशा अनदेखी और उपेक्षा करने वाले लोग भी उनको माथा टेकते हुए आज देखे जा सकते हैं, तो फिर इससे जन व देशहित कैसे संभव हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकारें उनका उपदेश मानकर उनके करोड़ों अनुयाइयों एवं गरीबों आदि का काफी कुछ सही में भला कर सकती हैं लेकिन वे ऐसा नहीं करती हैं। आज के संकीर्ण व द्वेष आदि से त्रस्त माहौल में उनके मानवतावादी संदेश का अत्यधिक महत्व है। इससे कोई इंकार कर सकता है। इसीलिए ख़ासकर शासक वर्ग व सरकारों को हर लिहाज़ से अपना मन वाकई में चंगा करके राजनीतिक व धार्मिक द्वेष एवं पक्षपात आदि के बिना निष्पक्षता से काम करने की ज़रूरत है। समाज और फिर देश सही मायने में हर प्रकार से सुखी और सम्पन्न हो सकेगा।

मायावती ने कहा कि वाराणसी में छोटी समझी जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद प्रभु-भक्ति के बल पर ब्रम्हाकार हुये। एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे आजीवन कड़ा संघर्ष करके समाज में व्याप्त कुरीतियों के ख़िलाफ तथा उसमें सुधार लाने की पुरज़ोर कोशिश करते रहे। वे जाति-भेदभाव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहते हैं कि मानव जाति एक है। इसलिये सभी को समान समझकर आपस में प्रेम से रहना चाहिए। उनका मानना था कि जाति-पांति व मानवता के समग्र विकास में बड़ा बाधक है।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय

   

सम्बंधित खबर