मद्महेश्वर उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव गोडार पहुंची 

गुप्तकाशी, 20 नवंबर (हि.स.)। पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार मद्महेश्वर की उत्सव डोली और देव निशान स्थानीय वाद्ययंत्रों ढोल-दमाऊ के साथ बुधवार को रात्रि विश्राम के लिए अपने प्रथम पड़ाव गोडार पहुंच गई।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चल विग्रह डोली रात्रि विश्राम के लिए गाेडार पहुंच गई है। डोली 21 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर में और 22 नवंबर को गिरिया में प्रवास करेगी। 23 नवंबर को गिरिया से चलकर भगवान मद्महेश्वर की चल-विग्रह डोली अपने देव निशानों के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान हो जाएगी। इसी के साथ ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर को मुख्य रूप से मद्महेश्वर मेला भी आयोजित होता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान मद्महेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान और ओंकारेश्वर मंदिर प्रभारी रमेश नेगी ने बताया कि मद्महेश्वर मेले के लिए ओंकारेश्वर मंदिर मंदिर उखीमठ को फूलों से सजाया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / बिपिन

   

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