छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीने में दर्द और खांसी के बाद एक माह में आठ की मौत
- Admin Admin
- Mar 05, 2025

सुकमा, 5 मार्च (हि.स.)। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के आश्रित ग्राम धनीकोड़ता में एक माह के अंदर दो बच्चों समेत आठ ग्रामीणों की मौत हुई है। जिला प्रशासन के द्वारा गांव में मेडिकल कैंप लगाकर बीमार ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है।
तीन दिनों से गांव में लगाए जा रहे मेडिकल कैंप में बुधवार को एसडीम पहुंचे और मेडिकल टीम व ग्रामीणों से इस संबंध में पूरी जानकारी ली। मेडिकल टीम द्वारा गांव घर-घर जाकर बीमार लोगों का सर्वे कर इलाज किया जा रहा है। गांव में 350 से अधिक लोगों का मेडिकल चेकअप किया जा चुका है । जिसमें से 37 मरीज हाथ ,पैर दर्द एवं बुखार से पीड़ित हैं। एक मरीज उल्टी से एवं नौ मलेरिया के मरीज सामने आए हैं। इसके अलावा चेचक के भी पांच मरीज सामने आए हैं। धनीकोड़ता गांव की जनसंख्या 620 है। स्वास्थ्य जांच के बाद मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ सकता है। महुआ का सीजन होने से घरों में लोग नहीं है। लोग सुबह जाकर देर शाम को घर वापस लौटते हैं, जिसकी वजह से मेडिकल टीम के सामने भी चुनौती है। सभी लोगों का मेडिकल चेकअप समय पर करना मुश्किल हो रहा है।
इनकी हुई मौत
2 3 वर्षीय मुचाकी बुधारा पुत्र बुसका, जिनकी मौत 23 जनवरी को घर में हुई। मुचाकी सुक्का (30) व मुचाकी गंगा (25) पुत्र हिड़मा शरीर में सूजन से पीड़ित थे, जिनकी मौत 15 फरवरी को घर में हुई। माड़वी हड़मा (65 वर्ष) पुत्र देवा लंबे समय से बीमार थे, जिनकी मौत 25 फरवरी सुकमा जिला अस्पताल में हुई। महिला सोड़ी सोनी पत्नी हड़मा (38 वर्ष) ने शरीर में सूजन के कारण 28 फरवरी छिंदगढ़ अस्पताल में दम तोड़ा। मुचाकी वेल्ला (55 वर्ष) पुत्र लिंगा की पीलिया के कारण दो मार्च को जिला अस्पताल में मौत हुई। चार माह के मुचाकी मासे की एक मार्च को सांस लेने में दिक्कत के कारण घर में मौत हो गई, जबकि दस माह के मुदस माहचा की अचानक तबियत बिगड़ी और रात में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
छिंदगढ़ एसडीएम विजय प्रताप खेस ने बताया कि धनीकोड़ता गांव में लगातार मौत के मामले सामने आ रहे थे, जिसको देखते हुए मेडिकल कैंप लगाया गया है। गांव में अब तक आठ लोगों की मौत हुई है। आरएमए डॉ राजेश सोनी ने बताया कि दो मार्च से मेडिकल कैंप लगाकर गांव में बीमार लोगों का इलाज किया जा रहा है, अब तक 350 से अधिक लोगों का मेडिकल चेकअप किया जा चुका है। जिसमें से नौ मलेरिया के मरीज एवं 37 बुखार एवं शरीर दर्द के मरीज पाए गए हैं। सभी मरीजों का इलाज जारी है । गंभीर मरीजों को सुकमा जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
एंबुलेंस की सुविधा नहीं-
इधर मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का गांव में इलाज कर रहे हैं। उधर गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं है ।इसको देखते हुए निजी वाहन से मरीज को परिजनों के द्वारा जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया जा रहा है, वहीं इसके लिए मरीजों को बड़ी राशि चुकानी पड़ रही है । मरीज जोगी उल्टी और बुखार से पीड़ित है । जिसकी गंभीर हालत को देखते हुए गांव में लगे मेडिकल कैंप से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया।जिस पर उनके बेटे ने गांव से निजी गाड़ी में उन्हें सुकमा जिला अस्पताल लाया।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहन ठाकुर