बच्चों की प्रथम पाठशाला परिवार होता है : शरद त्रिपाठी

खेल-कूद  , कहानी के माध्यम से  शिक्षण एवं संस्कार : हेमचंद्र

सुलतानपुर, 14 फरवरी (हि.स.)। विद्या भारती शिशु वाटिका परिषद द्वारा आयोजित शिशु नगरी में बाल मेला लोगों के आकर्षण केंद्र बनी रही। शिशु नगरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों की प्रथम पाठशाला परिवार होता है। परिवार में बच्चा राजा होता है। बच्चे अपने माता-पिता के सामने जिद कर लेते हैं, परंतु वही अपने शिक्षक के पास जब जाते हैं तो उनके अनुसार उन्हें ढलना पड़ता है।

नगर के सरस्वती शिशु मंदिर विवेकानंद नगर में छ: दिवसीय विद्या भारती शिशु वाटिका परिषद की अखिल भारतीय बैठक चल रही है। बैठक में देशभर से क्षेत्र प्रमुख, सह प्रमुख सहित 35 बहनों की टोली हिस्सा ले रही है। बैठक के पांचवें दिन शुक्रवार को शिशु नगरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन अखिल भारतीय मार्गदर्शक गोविंद जी महंत एवं विद्या भारती अखिल भारतीय शिशु वाटिका की संयोजक आशा बेन थानकी, विद्या भारती के पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री हेमचंद्र ने किया।

विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री हेमचंद ने बताया कि विद्या भारती ने जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों का विकास कैसे हो, शिशु वाटिका की योजना रचना की गई है। खेल-कूद, कहानी के माध्यम से शिक्षण एवं संस्कार का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। सत्र में 2024- 25 के कार्य की समीक्षा की गयी। सत्र 2025- 26 की कार्य योजना पर विचार विमर्श हो रहा है। शिशुओं के सर्वांगीण विकास में 12 व्यवस्थाओं पर आधारित क्रियाकलाप पर विस्तार से चर्चा हुई। जो अभिभावकों, बच्चों के आकर्षण का केंद्र रहा।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश निरीक्षक शेष धर द्विवेदी, क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख विजय उपाध्याय, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह, मंत्री हरि दर्शन राम, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य राकेश मणि, प्रधानाचार्य श्रीमती रेखा सिंह, राम अकबाल पांडे, प्रबंधक एवं नेत्र सर्जन डॉ. रामजी गुप्ता, बनवारी लाल गुप्ता, शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य ब्रह्म नारायण शुक्ला, आलोक कुमार आर्य आदि रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / दयाशंकर गुप्ता

   

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