हिसार : एचएयू ने रावलवास खुर्द में तकनीकी एवं मशीनरी प्रदर्शनी मेला लगाया
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- Feb 05, 2025
हिसार, 5 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी
एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग तथा नवीकरणीय एवं
जैव ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग तथा प्रोसेसिंग व फूड इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत चल
रही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की कृषि उपकरण
एवं मशीनरी, कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों में ऊर्जा परियोजना के तहत गांव रावलवास
खुर्द के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में तकनीकी एवं मशीनरी प्रदर्शनी मेला-2025 का आयोजन
किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा मुख्य अतिथि
जबकि सेवानिवृत अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित
रहे।
मुख्य अतिथि डॉ. एसके पाहुजा ने बताया कि अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना की
कृषि उपकरण एवं मशीनरी परियोजना के 25 केन्द्रों एवं देश के अलग-अलग राज्यों में मेला
आयोजित किया गया है। उन्होने बताया कि कृषि मशीनरी का प्रयोग कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता
को बढ़ाने का एक प्रमुख साधन है। कृषि यंत्रीकरण का उपयोग करके किसान अपना उत्पादन
बढ़ा सकते हैं। यंत्रीकरण खेती की कार्यशैली को और भी सुगम एवं तेज बनाता है, जिससे
फसल उत्पादकता में वृद्धि होती है। वर्तमान में कृषि को परिष्कृत यंत्रों का प्रयोग
करके एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा परम्परागत यन्त्रों
को भी वैज्ञानिक रूप से सुधारा जा रहा है।
वर्तमान परिस्थिति के अनुसार हमारे देश में
कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है, तथा इस कड़ी में जुताई के लिए उन्नत
यंत्र, उन्नत बुआई तथा रोपाई यंत्र, सिंचाई यंत्र, कटाई तथा गहाई यंत्र आदि किसानों
के पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि तकनीकी एवं मशीनरी प्रदर्शनी मेला-2025 में कृषि
मशीनीकरण के अंतर्गत छोटी जोत वाले किसानों के लिए मशीनों व तकनीकों की प्रदर्शनी लगाई
गई, जिसमें किसानों के लिए छोटे ट्रैक्टर-इंजन चालित जुताई तथा निराई-गुड़ाई यंत्र,
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी मशीनें जैसे सुपर सीडर, मलचर व बेलर आदि यंत्रों को
प्रदर्शित किया गया, साथ ही किसानों को इन उपरोक्त विषयों पर जानकारी देकर इन्हें अपनाने
के लिए प्रेरित किया।
डॉ. जीतराम शर्मा ने किसानों से अनुरोध किया कि वे अपनी समस्याओं के समाधान
के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने
बताया कि कृषि यंत्रों व मशीनों के जरिए खेती को न केवल आसान बनाया जा सकता है बल्कि
समय व श्रम की बचत के साथ-साथ फसल उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है।
सह अधिष्ठाता (स्नातकोत्तर) डॉ. विजया रानी ने सभी का स्वागत कर किसानों को
खेती की तैयारी से लेकर फसल की कटाई के लिए उपलब्ध मशीनें, खेती में उपयोगी नवीकरणीय
ऊर्जा के स्त्रोत इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मेले में हरियाणा कला
परिषद की ओर से विकास सातरोड़ व उनके साथी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत
किए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय
से सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे। मेले
में रावलवास खुर्द सहित समीपवर्ती गांवों के काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर