जयपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। करधनी थाना पुलिस ने तीन युवकों को गोली मार हत्या के प्रयास मामले में फरार तीन और बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश में तीनों बदमाशों के पैरों में चोट आई है। पुलिस मामले में मास्टर माइंड सहित चार बदमाशों को पहले गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ में सामने आया है कि थप्पड़ का बदला लेने के लिए हत्या का प्री-प्लान बनाया गया था। एक महीने की प्लानिंग के बाद रेकी कर वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस से बचने के लिए इंस्टाग्राम कॉलिंग का आपस में बात करने में यूज किया गया। पुलिस ने शनिवार को बदमाशों का जुलूस निकाला। इस दौरान बदमाश हाथ जोड़कर या कान पकड़कर चलते नजर आए। जुलूस के दौरान बदमाश अपने अपराध को लेकर क्षमा मांगते रहे। पुलिस ने बदमाशों का करीब दो किलाेमीटर लम्बा जुलूस निकाला।
पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि करधनी थाना पुलिस ने तीन युवकों को गोली मार हत्या के प्रयास मामले में आरोपित नागेन्द्र उर्फ हनी सिंह उर्फ हनी बिहारी (20) निवासी पीलीगंज पटना बिहार हाल नांगल जैसा बोहरा करधनी को लखनऊ से पकड़ा था। वहीं फायरिंग के दौरान शामिल फरार साथी नरेंद्र सिंह, करण पारीक और दीपक चौधरी को भी पकड़ा गया है। जो पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश में तीनों आरोपियों के पैरों में चोट आई है। फायरिंग का मेन मास्टर माइंड हिस्ट्रीशीटर राकेश मीणा है। पुलिस ने राकेश मीणा को गिरफ्तार कर वारदात में प्रयोग कार को जब्त किया। कार के ऑनर शक्ति सैनी व रेकी करने वाले वंश जोगी का नाम सामने आने पर पुलिस ने उन्हें भी पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस आरोपिताें के कब्जे से वारदात में यूज हथियार की बरामदगी के साथ खरीद-फरोख्त को लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि शिवराज सिंह गैंग के गुर्गों में हनी बिहारी का नाम भी शामिल है। कुछ महीने पहले वंश जोगी का वैभव ओझा से झगड़ा हो गया था। वंश जोगी की तरफ से झगड़ा करने हनी बिहारी आया था। कहासुनी के बाद धक्का-मुक्की होने पर वैभव ने हनी बिहारी के थप्पड़ मार दिए थे। इसके बाद से ही हिस्ट्रीशीटर राकेश मीणा के साथ मिलकर वंश और हनी बदले की प्लानिंग कर रहे थे। थप्पड़ का बदला वैभव की हत्या से लेने तय हुआ। पिछले एक महीने में हत्या का प्री-प्लान तैयार किया गया। हत्या के लिए हथियार से लेकर रेकी-फरारी के साथ आपस में जुड़े होकर पुलिस से बचने का प्लान बनाया गया था। वैभव ओझा की हत्या की पूरी तैयारी होने पर 24 जनवरी की शाम से ही वंश को उसके घर के बाहर तैनात कर दिया गया। हिस्ट्रीशीटर राकेश मीणा ने शक्ति सैनी से उसकी स्विफ्ट कार लेकर हनी बिहारी को वारदात करने के लिए दी। स्विफ्ट कार लेकर हनी बिहारी अपने साथी नरेंद्र सिंह, करण पारीक और दीपक चौधरी के साथ निकल गया। रात को बाइक पर वैभव अपने दोस्त मुकुंद के साथ घर से निकला। रेकी कर रहे वंश ने हनी बिहारी को बाइक पर वैभव के बेनाड़ रोड पर आने की बताया। करीब 15 मिनट बाद बेनाड़ रोड पर वैभव के पहुंचते ही कार में से ही हनी बिहारी ने फायर कर दिया। बाइक सहित वैभव अपने दोस्त मुकुंद के साथ गिर गया। हनी बिहारी ने वैभव को मारने के लिए दो-तीन राउंड फायर किए। वैभव अपने दोस्त मुकुंद के साथ वहां से पैदल भाग निकला। करीब 100 मीटर दूर बचने के लिए अनजान मकान में घुस गया। पीछा करते हुए हनी बिहारी व उसके साथी भी घर में घुस गए। घर में घुसकर की गई फायरिंग में वैभव ओझा के हाथ-पैर में गोली लगी। वैभव को बचाने की कोशिश में मुकुंद के हाथ में भी गोली गई। इस दौरान मकान में रहने वाले सुनील ढाका के हाथ में गोली लगी। गोलियां खत्म होने के कारण वैभव को मारने में हनी कामयाब नहीं हो सका। फायरिंग की आवाज सुनकर लोगों के इकट्ठा होते देखकर हनी बिहारी अपने साथियों के साथ वहां से भाग निकला।
इंस्टाग्राम कॉलिंग व क्यूआर कोड का यूज
वैभव की हत्या में कामयाब नहीं होने पर हनी बिहारी और उसके साथी फरारी काटने के लिए राजस्थान से बाहर निकल गए। प्लानिंग के तहत हनी बिहारी ने पुलिस पकड़ से बचने के लिए मोबाइल भी साथ नहीं रखा। वह राहगीरों से बातचीत के दौरान कुछ देर के लिए मोबाइल लेता था। उसमें अपना इंस्टाग्राम आईडी चालू कर कॉल कर साथियों से बातचीत कर बंद कर देता था। पुलिस ट्रेस के दौरान पीछा करते पहुंचने पर अनजान व्यक्ति का मोबाइल होना सामने आया। फरारी के दौरान कुछ भी खरीदने के लिए क्यूआर कोड भिजवाकर पेमेंट करवा देता।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश