केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों व संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया

बीकानेर, 26 नवंबर (हि.स.)। मजदूरों को छब्बीस हजार रुपये महीना न्यूनतम वेतन, किसानों को फसलों का उचित मूल्य देने सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को श्रमिक और किसानों ने कलक्ट्रेट पर रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों व संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण मजदूर और श्रमिकों का शोषण हो रहा है। देश पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया गया है। जिसके चलते आज आर्थिक हालात बाद से बदतर होते जा रहे हैं।

प्रदर्शन करने वालों में वाई के शर्मा, प्रसन्न कुमार, जेठाराम लाखुसर, अविनाश व्यास, सुंदर बेनीवाल, सलीम कुरैशी, मूलचंद खत्री सहित अनेक जने शामिल रहे।

श्रमिक और किसानों की ये है प्रमुख मांगें

सभी फसलों के लिए लाभकारी दाम।

प्रत्येक बेरोजगार को रोजगार की गारंटी का कानून।

महंगाई पर रोक लगाई जाए।

न्यूनतम मासिक वेतन 26000 रुपये करें।

समान काम-समान वेतन व्यवस्था लागू हो।

सभी ठेका एवं फिक्सटर्म मजदूरों को स्थाई रोजगार दें।

मनरेगा के तहत एक साल में 200 दिन रोजगार की गारंटी एवं 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी।

खेत मजदूरों के लिए सर्वसमावेशी कानून बनाएं।

वनाधिकार कानून को सख्ती से लागू किया जाए।

वन एवं राजस्व भूमि पर काबिज लोगों को पट्टे दें।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण न हो।

वर्ष 2019 से बढ़ी दरों का एरियर सहित भुगतान करो।

वर्ष 2024 में देय न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण शीघ्र करो।

आंगनबाड़ी, आशा सहित सभी योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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